न्यूज़ डेस्क
आखिरकार 48 घंटे जिंदगी और मौत के बीच लड़ रही जंग को उन्नाव रेप पीड़िता हार गई। जी हां शुक्रवार रात 11.40 सफदरगंज अस्पताल में उन्नाव रेप पीड़िता की मौत हो गई। पीड़िता करीब 95 फीसदी जली हुई हालत में गुरुवार रात को दिल्ली लाई गई थी। उसका इलाज सफदरजंग अस्पताल में चल रहा था।
गौरतलब है कि उन्नाव में पांच आरोपियों ने गुरुवार सुबह ही उस पर पेट्रोल डालकर जला दिया था। इनमें से एक पीड़िता के साथ हुए गैंगरेप का मुख्य आरोपी भी है। आरोपियों को फांसी के फंदे तक पहुंचते देखने की उसकी ख्वाहिश पूरी न हो सकी। इन्हीं आखिरी शब्दों के साथ वो हमेशा के लिए चुप हो गई।
सफदरगंज अस्पताल के बर्न और प्लास्टिक सर्जरी विभाग के एचओडी डॉ. शलभ कुमार ने कहा कि रात करीब 11:10 पर पीड़िता के हृदय ने काम करना बंद कर दिया। डॉक्टरों की तमाम कोशिशों के बावजूद उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। 11:40 पर उसका निधन हो गया।
पड़ा दिल का दौरा
उन्होंने बताया कि, ‘हमने उसे बचाने के लिए बेहतर प्रयास किये लेकिन उसके बाद भी उसे बचा नहीं सके। शाम से ही पीड़िता की हालत खराब होने लगी। रात 11 बजकर 10 मिनट पर उसे दिल का दौरा पड़ा। हमने बचाने की कोशिश की लेकिन रात 11 बजकर 40 मिनट पर उसकी मौत हो गई।’
डॉ. शलभ ने बताया कि पीड़िता के शव को मोर्चरी में भेज दिया गया है। अस्पताल में मौजूद पीड़िता की मां, बहन और भाई को इसके बारे में बता दिया गया है।
नहीं टूटी हिम्मत
95 फीसदी जलने के बाद भी उन्नाव पीड़िता की हिम्मत नहीं टूटी वह गुरुवार रात तक होश में थी और सिर्फ यही कह रही थी कि मुझे जलाने वालों को छोड़ना मत। पीड़िता के भाई ने बताया कि, ‘वो जीना चाहती थी, लड़ना चाहती थी, इंसाफ की जंग जीतना चाहती थी। इसलिए बार-बार पूछ रही थी कि मैं बच जाऊंगी ना, मैं मर तो नहीं जाऊंगी।’ न्याय की जंग लड़ते-लड़ते एक और निर्भया जिंदगी की जंग हार गई।