उन्नाव रेप केस में पीड़िता के चाचा को 18 घंटे की परोल मिली है। इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने परिजनों की याचिका पर पत्नी का अंतिम संस्कार करने के लिए चाचा को 18 घंटे की परोल दी है। परोल की मियाद बुधवार सुबह से शुरू होकर रात 12 बजे तक होगी।
बता दें कि 28 जुलाई को रायबरेली में हुए एक्सीडेंट में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी। इसके बाद पीड़िता के परिजन मांग कर रहे थे कि रिश्तेदारों के अंतिम संस्कार के लिए उसके चाचा को बेल दी जाए।
बता दें कि इस मांग को लेकर पीड़िता के परिजन मंगलवार सुबह केजीएमयू के सामने धरने पर भी बैठ गए थे। परोल के दौरान पीड़िता के चाचा पुलिस सुरक्षा में रहेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक तकनीकी भाषा में इसे परोल नहीं कहा जाएगा। ये एक तरह का छोटी अवधि का बेल है, जो उन्हें पत्नी के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए दिया गया है।
Lucknow: Family of Unnao rape victim sitting on protest outside King George’s Medical University trauma center, where the victim is being treated. Family says, “Kuldeep Sengar should be punished as soon as possible & Mahesh Singh (uncle of victim) should be released from jail,” pic.twitter.com/PI5NpetkKd
— ANI UP (@ANINewsUP) July 30, 2019
इससे पहले परिजनों का कहना था कि जब तक पीड़िता के चाचा को पैरोल नहीं मिलती है, तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। इस बीच खबर आ रही है कि दो हफ्ते पहले पीड़िता की मां ने सुप्रीम कोर्ट को पत्र लिखकर खतरे की आशंका जताई थी। ऐसे में प्रशासन और सरकार पर सवालिया निशान खड़ा होता है कि आखिर क्यों पीड़िता को उचित सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई क्या इसके पीछे कोई सोची समझी साजिश थी।
The family members of the #UnnaoCase victim stage a dharna outside the trauma centre in Lucknow demanding the release of her uncle to do the final rites of two aunts she lost in accident.
“सबको मार दिया, जब वो बाहर ही नहीं आएंगे तो काम कौन करेगा”?
The victim remains critical. pic.twitter.com/NCasWct0K3
— Prashant Kumar (@scribe_prashant) July 30, 2019
बता दें, 28 जुलाई को हुए इस हादसे में पीड़िता की चाची की मौत हो गई थी। पोस्टमार्टम के बाद शव को रखकर परिजनों का विरोध प्रदर्शन जारी है। दुर्घटना में दो लोगों की मौत हो गई थी और पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पीड़िता और उसके वकील महेंद्र सिंह रविवार को दुर्घटना के बाद से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हैं।
दोनों की हालत गंभीर है। डॉक्टर्स आज 10 बजे मेडिकल बुलेटिन जारी कर दोनों की स्थिति के बारे में बताएंगे. साथ ही इस बात पर भी फैसला होगा कि दोनों को इलाज के लिए बाहर ले जाने की आवश्यकता है कि नहीं।
वहीं, योगी आदित्यनाथ सरकार ने कहा है कि अगर उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता चाहती है तो उनकी सरकार राय बरेली सड़क हादसा मामले की सीबीआई जांच कराने के लिए तैयार है।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओ.पी. सिंह ने कहा कि दुष्कर्म पीड़िता को तीन निजी सुरक्षा कर्मी दिए गए थे लेकिन कार में जगह नहीं होने के कारण पीड़िता ने सुरक्षा कर्मियों वहीं रुकने के लिए कहा था।
उन्होंने कहा कि शुरुआती जांच में यह एक दुर्घटना का मामला लगता है क्योंकि ट्रक तेज रफ्तार से आ रहा था। उन्होंने कहा कि प्रत्यक्षदर्शियों के बयान भी दर्ज कर लिए गए हैं। इसी बीच देखा गया कि ट्रक की नंबर प्लेट पर काला रंग पुता हुआ था जो मामले में बड़ी साजिश का इशारा करते हैं।
इस बीच उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे में नया खुलासा हुआ है। पुलिस के मुताबिक, एक्सीडेंट करने वाला ट्रक समाजवादी पार्टी नेता नंदू पाल के बड़े भाई देवेंद्र पाल का है। हादसे के बाद फतेहपुर के जेल रोड पर देवेंद्र पाल के मकान में ताला बंद है।
बीजेपी विधायक कुलदीप सेंगर, उनके भाई मनोज सेंगर और आठ अन्य के खिलाफ सड़क दुर्घटना के एक मामले में पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज की है। इस दुर्घटना में उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता और उनके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे, जबकि इस हादसे में उनकी दो महिला रिश्तेदारों की मौत हो गई थी। आरोपियों पर दुष्कर्म पीड़िता के चाचा महेश सिंह की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज किया गया, जो रायबरेली जेल में बंद हैं।