जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने सम्बन्धी विधेयक को केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है. अब इस विधेयक को संसद के शीतकालीन सत्र में सदन में पेश किया जायेगा. सत्र इसी 29 नवम्बर से शुरू हो रहा है. तीन कृषि कानूनों को रद्द करने और एमएसपी गारंटी क़ानून की मांग को लेकर 40 किसान संगठन दिल्ली बार्डर पर 26 नवम्बर 2020 से धरने पर बैठे हैं.
वर्ष 2020 में नरेन्द्र मोदी सरकार सितम्बर के महीने में तीन कृषि क़ानून लेकर आई थी. विपक्ष ने तब इसका भरपूर विरोध किया था लेकिन विरोध को दरकिनार कर सरकार ने यह बिल पास कर दिया था. किसानों ने इस बिल के खिलाफ आवाज़ उठाई लेकिन उनकी बात भी अनसुनी की गई. 26 नवम्बर को किसान दिल्ली बार्डर पर आकर जाम गए.
साल भर पहले किसानों का प्रदर्शन शुरू हुआ तो किसी को भी उम्मीद नहीं थी कि यह प्रदर्शन साल भर तक चलता रहेगा. इस दौरान करीब 700 किसानों की मौत भी हो गई लेकिन किसानों के कदम डगमगाए नहीं.
किसानों की सरकार के साथ कई दौर की बातचीत हुई मगर सरकारी पक्ष हर बार यही बताता रहा कि यह क़ानून किसानों की आय बढ़ाने वाले हैं. यह सरकार का किसानों के हित में महत्वपूर्ण कदम है लेकिन किसानों ने सरकार की बात को यह कहकर मानने से इनकार कर दिया कि यह क़ानून कारपोरेट घरानों पर उन्हें आश्रित करने वाला है.
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