जुबिली न्यूज डेस्क
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली एनडीए सरकार ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आज बजट पेश कर दिया है। कोरोना काल से पहले ही सुस्ती पड़ी अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए इस बजट को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा था।
कोविड-19 वायरस की वजह से देशभर में लगाए गए लॉकडाउन से अर्थव्यवस्था को भारी नुकसान पहुंचा है। जून 2020 तिमाही में साल-दर-साल आधार पर आर्थिक विकास दर -23.9 फीसदी पर लुढ़क गया था। इस बार के बजट में कई ऐसे बड़े ऐलान की उम्मीद की जा रही थी, ताकि आम आदमी से लेकर कारोबारी जगत को राहत मिल सके। साथ ही अर्थव्यवस्था के सभी पहिये भी रफ्तार पकड़ सकें।
आइए देखते हैं बजट में आम आदमी के लिए क्या है खास
पेट्रोल-डीजल पर लगाया गया कृषि सेस
केंद्र सरकार द्वारा पेट्रोल और डीजल पर कृषि सेस लगाया गया है। डीजल पर चार रुपये और पेट्रोल पर ढाई रुपये का सेस लगाया गया है। हालांकि, कहा जा रहा है कि ये सेस कंपनियों को देना होगा और आम लोगों पर इसका कोई असर नहीं होगा।
कृषि कानून पर हंगामे के बीच खेती-किसान के लिए ऐलान
वित्त मंत्री ने 2021-22 के लिए कृषि बजट में बढ़ोतरी करने का ऐलान किया है। नये वित्त वर्ष में इस सेक्टर के लिए बजट को 1.5 लाख करोड़ रुपये बढ़ा दिया गया है, जिसके बाद अब यह 16.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। चालू वित्त वर्ष में यह 15 लाख करोड़ रुपये पर था।
किफायती घरों की ब्याज सीमा छूट बढ़ी
सरकार ने किफायती हाउसिंग पर ब्याज सीमा छूट को एक साल के लिए और बढ़ा दिया गया है। अफोर्डेबल हाउसिंग और रेंटल हाउसिंग को जुलाई 2019 में 1.5 लाख के ब्याज छूट की राहत दी गई थी। ऐसे में अगर आप घर खरीद रहे और मार्च 2022 तक लोन लेते हैं तो आपको इस छूट का लाभ मिल सकेगा।
टैक्स के मोर्चे पर ऐलान
75 साल से ज्यादा उम्र के पेंशनधारकों को इनकम टैक्स रिटर्न्स भरने की जरूरत नहीं होगी। छोटे टैक्सपेयर्स के लिए फेसलेस डिस्प्युट रिजॉलुशन मैकेनिज्म को बढ़ाया जाएगा। टैक्स इन्वेस्टिगेशन रिओपन करने की अवधि को 6 साल से कम कर 3 साल किया गया है।
गिग व प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट्स
वित्त मंत्री ने गिग व प्लेटफॉर्म वर्कर्स के लिए सोशल सिक्योरिटी बेनिफिट्स स्कीम लॉन्च करने का ऐलान किया। इनके लिए मार्जिन मनी की जरूरत को 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी करने का ऐलान किया है।
वैक्सीन पर खर्च
कोरोना संक्रमण के प्रबंधन और नियंत्रण के मद्देनजर ऐलान किया कि कोरोना की वैक्सीन के लिए 35 हजार करोड़ रुपए अलॉट किए गए हैं। वित्त मंत्री ने संसद में कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो और आवंटित किया जाएगा। इस दौरान वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि साल 2021-22 के लिए स्वास्थ्य सेक्टर को 2.38 लाख रुपये आवंटित होंगे।
ऐसे में स्वास्थ्य बजट पिछले साल के मुकाबले 135 फीसदी बढ़ गया। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने ऐलान किया कि पीएम आत्मनिर्भर स्व्स्थ्य भारत योजना पर 64,180 करोड़ रुपये खर्च का प्रस्ताव है और इस साल मिशन पोषण 2.0 की होगी शुरुआत होगी।
उज्ज्वला स्कीम: उज्ज्वला स्कीम का लाभ 1 करोड़ लाभार्थियों तक पहुंचा जाएगा।
नये वित्त वर्ष में हाइड्रोजन एनर्जी मिशन को लॉन्च किया जाएगा। सरकार 100 नये जिलों को अगले 3 साल में सिटी गैस डिस्ट्रीब्युशन नेटवर्क से जोड़ेगी. एक स्वतंत्र गैस ट्रांसपोर्ट ऑपरेटर सेटअप किया जाएगा।
इंश्योरेंस: केंद्र सरकार इंश्योरेंस एक्टर में संशोधन कर एफडीआई की लिमिट 49 फीसदी से बढ़ाकर 74 फीसदी किया जाएगा।
कंपनीज एक्ट में संशोधन: वित्त मंत्री ने कहा कि वो लोकसभा में कंपनीज एक्ट 2013 के लिए संशोधन का प्रस्ताव लेकर आएंगी। छोटी कंपनियों के लिए पूंजीकरण की लिमिट को 50 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये तक किया जाएगा। इन छोटी कंपनियों के लिए कुल टर्नओवर 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 20 करोड़ रुपये किा जाएगा।
डिस्कॉम्स के लिए 3 लाख करोड़ रुपये का ऐलान: वित्त मंत्री ने कहा बिजली वितरण कंपनियों को 3 लाख करोड़ रुपये की राहत दी जाएगी।
तमिलनाडु में 3500 किलोमीटर का राष्ट्रीय राजमार्ग: इसके लिए सरकार 1.3 लाख करोड़ रुपये खर्च करेगी। केरल में भी 1,500 किलोमीटर के एक नेशनल हाईवे की योजना बनाई जा रही है। इसर पर 65,000 करोड़ रुपये खर्च किया जाएगा. भारत माला प्रोजेक्ट के लिए 13,000 किलोमीटर के रोड बनाए जाएंगे। मार्च 2022 तक 8,500 किलोमीटर का अतिरिक्त रोड अवार्ड किया जाएगा. अन्य इकोनॉमिक कॉरिडोर बनाने की योजना तैयार की जा रही है।
3 साल में 7 टेक्सटाइल पार्क बनाने का ऐलान: वित्त मंत्री ने कहा कि मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर कहा कि इसमें भी डबल डिजिट ग्रोथ की जरूरत है। पीएलआई स्कीम के अलावा सरकार मेगा-इन्वेस्टमेंट टेक्सटाइल पार्क के लिए को लॉन्च करेगी।
पुराने वाहनों के लिए स्क्रैपेज पॉलिसी का ऐलान: वाहनों की वजह से वायु प्रदूषण को कम करने के लिए नई स्क्रैपेज पॉलिसी का ऐलान किया गया है। प्राइवेट वाहनों को 20 साल के बाद फिटनेस टेस्ट कराना होगा।
पीएम स्वास्थ्य भारत योजना: इस योजना पर सरकार अगले 6 साल में 64,180 करोड़ रुपये खर्च करेगी। अर्बन स्वच्छ भारत मिशन: वित्त मंत्री ने कहा- सरकार 1,41,678 करोड़ रुपये के खर्च से अर्बन स्वच्छ भारत मिशन को लॉन्च कर रही है। अगले 5 साल में यह रकम खर्च की जाएगी।