न्यूज़ डेस्क
संसद में कुछ ही देर में बजट पेश होने वाला है। इससे पहले सरकार को एक खुशखबरी मिल गयी हैं। जोकि बजट पेश होने से पहले आर्थिक मोर्चे के लिए खासा महत्वपूर्ण हैं। दरअसल जनवरी में गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स यानी जीएसटी कलेक्शन 1.10 लाख करोड़ रुपये के स्तर को पार कर गया है।
मोदी सरकार द्वारा जीएसटी लागू करने के बाद से जो भी कलेक्शन हुआ है। यह अब तक का दूसरा उच्चतम स्तर हैं। इससे पहले अप्रैल 2019 में 1.13 लाख करोड़ रूपये का जीएसटी कलेक्शन दर्ज किया गया था जोकि अभी तक का सबसे उच्चतम स्तर था।
वहीं, इस बार का कलेक्शन मिलाके देखा जाए तो ये तीसरा महीना है जब जीएसटी का कलेक्शन एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा आया है।
गौरतलब है कि बीते साल दिसंबर महीने में जीएसटी कलेक्शन 1 लाख 3 हजार 184 करोड़ रुपये रहा। जबकि इससे पहले नवंबर में जीएसटी कलेक्शन कुल 1,03,492 करोड़ रुपये रहा था।
अभी कुछ समय पहले ही टैक्स डिपार्टमेंट ने जीएसटी कलेक्शन के लक्ष्य में इजाफा किया था। फरवरी के लिए जीएसटी कलेक्शन का लक्ष्य 1.15 लाख करोड़ रुपये और मार्च के लिए 1.25 लाख करोड़ रुपये तय किया गया है। इस लक्ष्य को हांसिल करने के लिए डिपार्टमेंट ने धोखाधड़ी कर इनपुट टैक्स क्रेडिट के दावों पर लगाम लगाने की योजना बनाई है।
कलेक्शन बढ़ाने के लिए जीएसटी प्राधिकरण ने आपूर्ति और खरीद बिलों के बीच अंतर को देखेगा। साथ ही जीएसटी-1, जीएसटीआर-2ए और जीएसटीआर-3बी में होने वाले अंतर का पता लगाने के लिए आंकड़ों का विश्लेषण करेगा।
इसके अलावा रिटर्न नहीं फाइल होने, बिल बढ़ा-चढ़ाकर दिखाने जैसे मामलों पर भी गौर करेगा। यही नहीं जिन लोगों ने फर्जी तरीके से बड़े इनपुट टैक्स क्रेडिट पर दावा करते हैं, उनपर भी कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर बीते दिनों राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक भी हुई थी।