लखनऊ. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने समाज के कमज़ोर तबके के लोगों को सशक्त बनाने के लिए अपनी विशेष पहल की घोषणा की। बैंक की और से इस विशेष पहल का संचालन किया गया, जिसका उद्देश्य वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना, सामाजिक सुरक्षा के दायरे को बढ़ाना, बैंकिंग सेवाएँ किफायती दरों पर उपलब्ध कराना, ऋण को सभी के लिए सुलभ बनाना तथा सामाजिक कल्याण का विस्तार करना था।
वित्तीय समावेशन के तहत बैंक की ओर से ग्राहकों को विभिन्न सुविधाएँ उपलब्ध कराई गई, जिनमें प्रधानमंत्री जन धन योजना, ग्रामीण समुदायों में काम करने वाले स्वयं सहायता समूहों (SHGs) को वित्तीय सहायता प्रदान करना, ऋण अदला-बदली के अंतर्गत किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से सहायता प्रदान करना, फुटपाथ पर सामान बेचने वाले लोगों के लिए क्यूआर कोड का वितरण और मुद्रा लोन शामिल है।
यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने इस विशेष अभियान तहत 10 लाख से अधिक ग्राहकों को पीएमजेडीवाई (PMJDY), एसएचजी (SHGs), मुद्रा लोन के माध्यम से सहायता प्रदान की। इसके अलावा, बैंक ने इस अवसर पर यह भी घोषणा की कि पूरे भारत में ग्रामीण/अर्ध-शहरी क्षेत्रों में स्कूलों के लिए 250 शौचालयों (विशेष रूप से बालिकाओं के लिए) तथा घरों के लिए 100 शौचालयों का निर्माण किया जाएगा। साथ ही सभी क्षेत्रों में अनाथालयों और वृद्धाश्रमों में रोज़मर्रा की ज़रूरत की सभी चीजें उपलब्ध कराई जाएंगी।
इस अवसर पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की एमडी एवं सीईओ, श्रीमती ए. मणिमेखलाई ने कहा, “हम समाज के हर तबके के लोगों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के अपने संकल्प पर अटल हैं। हमने हमेशा सभी लोगों को वित्तीय दायरे में शामिल करने और पिरामिड में सबसे निचले पायदान पर स्थित लोगों की उन्नति को बढ़ावा देने वाले प्रमुख संस्थान बनने की दिशा में प्रयास किया है।”