जुबिली न्यूज डेस्क
कोरोना महामारी के बाद से लगातार चिंता जतायी जा रही है कि इसकी वजह से उपजी स्थिति से सबसे ज्यादा प्रभावित बच्चे होंगे। कई रिपोर्ट में ये कहा गया है कि गरीब बच्चे इससे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे।
हाल ही में आई बच्चों से जुड़ी यूनीसेफ की नई रिपोर्ट में भी कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी बच्चों की शिक्षा, पोषण और स्वास्थ्य को खतरा पहुंचा रही है।
एजेंसी का कहना है कि कोरोना महामारी से स्वास्थ्य सेवाओं में बाधा पहुंच रही है और बढ़ती गरीबी बच्चों के लिए एक बड़ा खतरा है।
यूनीसेफ ने अपनी रिपोर्ट में चिंता जताते हुए कहा है कि स्वास्थ्य सेवाओं के बाधित होने और महामारी के कारण गरीबी बढऩे के साथ “एक पूरी पीढ़ी का भविष्य खतरे में है।”
एजेंसी ने दुनिया भर की सरकारों से बच्चों के लिए सेवाओं में सुधार करने के लिए और अधिक कदम उठाने का आग्रह किया है।
यह भी पढ़ें : दुर्गा पूजा के लिए नहीं दे पाए चंदा तो इन लोगों को झेलना पड़ा सामाजिक बहिष्कार
यह भी पढ़ें : कांग्रेस नेतृत्व को भारी पड़ेगी यह लापरवाही
यह भी पढ़ें : हाफ़िज़ सईद को दस साल की सज़ा
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना महामारी दुनिया भर के बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और पोषण के लिए “अपरिवर्तनीय नुकसान” का कारण बन सकती है।
यूनिसेफ की कार्यकारी निदेशक हेनिरिएटा फोर के अनुसार, “स्वास्थ्य, शिक्षा जैसी प्र्रमुख सेवाओं में रुकावट और गरीबी की दर बढ़ जाना बच्चों के लिए सबसे बड़ा खतरा है। यह संकट जितना लंबा चलेगा बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और कल्याण पर उतना ही गहरा प्रभाव पड़ेगा। एक तरह से बच्चों की एक पूरी पीढ़ी का भविष्य खतरे में है।”
महामारी के दौरान दुनिया भर में बच्चों की स्थिति पर अपनी नई रिपोर्ट में यूनीसेफ ने चेतावनी दी है, जिसमें शैक्षिक और स्वास्थ्य संबंधी अंतरालों को बंद करने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की गई है।
अगले 12 महीनों में हो सकती है करीब 20 लाख बच्चों की मौत
यूनीसेफ ने 140 देशों में सर्वेक्षण कर यह रिपोर्ट तैयार किया है। इसमें पाया गया है कि लगभग एक तिहाई देशों ने स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में कम से कम 10 फीसदी की गिरावट दर्ज की है। इसमें टीकाकरण और मातृ स्वास्थ्य सेवाएं शामिल हैं।
रिपोर्ट में कहा है कि अगर सेवाओं में रुकावट और कुपोषण का बढऩा जारी रहता है तो इससे अगले 12 महीनों में 20 लाख अतिरिक्त बच्चों की मौत हो सकती है और 2 लाख मृत जन्म हो सकते हैं।
सर्वेक्षण के दौरान एजेंसी ने यह भी पाया कि महिलाओं और बच्चों के लिए पोषण सेवाओं में कोरोना महामारी के कारण 135 देशों में 40 फीसदी की गिरावट देखी गई। अक्टूबर तक 26.5 करोड़ बच्चे स्कूल में मिलने वाले दोपहर के भोजन से वंचित रहे।
इसके अलावा 25 करोड़ बच्चों को विटामिन ए का लाभ नहीं पा रहा, इन बच्चों की उम्र पांच साल से कम है। वहीं एजेंसी ने बताया कि पांच साल से कम उम्र के 60-70 लाख अतिरिक्त बच्चे तीव्र कुपोषण का शिकार हो सकते हैं।
यह भी पढ़ें : कृषि कानून के विरोध में किसान 26 नवंबर से दिल्ली में भरेंगे हुंकार
यह भी पढ़ें : Video : सोशल मीडिया पर यूजर्स इस ASI को क्यों कर रहे हैं सलाम
यूनीसेफ ने अपनी रिपोर्ट में यह भी कहा है कि स्कूल बंद होने के कारण स्कूल जाने वाले 33 फीसदी बच्चे प्रभावित हुए हैं। यूनिसेफ के अनुसार वैश्विक स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, आवास, पोषण, स्वच्छता या पानी की पहुंच के बिना गरीबी में रहने वाले बच्चों की संख्या में 15 फीसदी की वृद्धि होने की आशंका है।
यह भी पढ़ें : SC/ST के लोगों का बाल काटने पर नाई पर लगा पचास हजार का जुर्माना
यह भी पढ़ें : लव जिहाद कानून: अफसर दोषी तो उन्हें भी 5 साल की सजा