जुबिली न्यूज़ डेस्क
संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र अब भारत के सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में नागरिकता कानून के खिलाफ हस्तक्षेप याचिका दाखिल की है।
मानवाधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त ने सीएए के खिलाफ भारत के उच्चतम न्यायालय में हस्तक्षेप याचिका दाखिल की। यह जानकारी UNHRC के उच्चायुक्त ने भारत को दी है।
वहीं, भारत के विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर नाराजगी व्यक्त की है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि ये हमारा यह आंतरिक मामला है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि किसी विदेशी पक्ष को भारत की संप्रभुता से जुड़े मुद्दों पर अदालत में जाने का अधिकार नहीं है।
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हम आश्वस्त हैं कि सीएए संवैधानिक रूप से वैध है, संवैधानिक मूल्यों का अनुपालन करता है। विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा कि हमें भरोसा है कि हमारी मजबूत और कानूनी दृष्टि से टिकने वाली स्थिति को उच्चतम न्यायालय में जीत मिलेगी।
ये पहला मौका नहीं है जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर नागरिकता क़ानून के खिलाफ आवाज़ उठी है। इससे पहले भी दुनिया के देश इसे लेकर बात कर चुके हैं।
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अमेरिका के कई आयोगों द्वारा बयान आ चुके हैं कि वह परिस्थिति पर नज़र रख रहे हैं। नागरिकता क़ानून को लेकर देश के कई हिस्सों में लगातार प्रदर्शन हो रहे हैंं।
दिल्ली में प्रदर्शन के बीच इस क़ानून को लेकर हिंसा हुई और तीन दिन तक चली हिंसा में 45 से अधिक लोगों की मौत हुई।
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