जुबिली न्यूज डेस्क
देश में एक ओर कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर बेरोजगारों की संख्या बढ़ रही है। पिछले महीने दिसंबर में बेरोजगारी दर ने चार महीने का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। वहीं कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रोन के कारण भी लोगों से रोजी-रोटी छिनने का खतरा मंडरा रहा है।
नए आंकड़ों के मुताबिक भारत की बेरोजगारी दर दिसंबर में 4 महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) ने ये नए आंकड़ें तीन जनवरी को जारी किए हैं।
दिसंबर में बेरोजगारी दर बढ़कर 7.9 फीसदी हो गई, जो नवंबर में 7 % थी, जो अगस्त में 8.3 फीसदी के बाद सबसे अधिक है।
कई राज्यों में कोरोना के नए वेरिएंट ओमिक्रॉन के मामले बढऩे और सोशल डिस्टेंसिंग प्रतिबंधों को और बढाने के बाद देश में आर्थिक गतिविधि प्रभावित हुई है।
आंकड़ों से पता चलता है कि शहरी बेरोजगारी दर दिसंबर में बढ़कर 9.3 फीसदी हो गई, जो पिछले महीने में 8.2 % थी, जबकि ग्रामीण बेरोजगारी दर 6.4 % से बढ़कर 7.3 % हो गई।
वहीं कई अर्थशास्त्रियों को चिंता है कि ओमिक्रोन वेरिएंट पिछली तिमाही में देखी गई आर्थिक सुधार के आंकड़ों को खराब कर सकता है।
राज्यों के हिसाब से बेरोजगारी दर देखें तो सबसे खस्ता हाल हरियाणा का है। यहां बेरोजगारी दर 34.1 फीसदी है और सबसे कम बेरोजगारी कर्नाटक में है। कर्नाटक में बेरोजगारी दर 1.4 % है।
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कर्नाटक के बाद गुजरात, ओडिशा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना में बेरोजगारी अन्य राज्यों की अपेक्षा काफी कम है।
इसके अलावा सबसे हरियाणा के बाद अधिक बेरोजगारी दर में राजस्थान, बिहार और जम्मू कश्मीर का नंबर है। बिहार में जनवरी को छोड़ दें तो हर महीने बेरोजगारी दर 10-16% तक रहा है।
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