न्यूज़ डेस्क
रियाद। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया भर में ‘आर्थिक अनिश्चितता’ के दौर को ‘असंतुलित बहुआयामी व्यापार’ का नतीजा बताते हुए आज जोर देकर कहा कि भारत ने सुधारों की दिशा में अनेक कदम उठाये हैं जिनके चलते वह वैश्विक वृद्धि तथा स्थिरता का केन्द्र बना हुआ है।
मोदी ने ‘अरब न्यूज’ को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘आर्थिक अनिश्चितता असंतुलित बहुआयामी व्यापार प्रणाली का परिणाम है। जी-20 के अंदर भारत और सऊदी अरब असमानता को कम करने और सतत विकास को बढावा देने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।
Sharing my interview with @arabnews, where I spoke about robust ties between India and Saudi Arabia, the reform trajectory in India, energy partnership and more. Do have a look. https://t.co/IIav8Gc6Wr
— Narendra Modi (@narendramodi) October 29, 2019
मोदी ने कहा कि यह खुशी की बात है कि सऊदी अरब अगले वर्ष जी-20 सम्मेलन का आयोजन करने जा रहा है और भारत इसका आयोजन 2022 में करेगा जो हमारी आजादी की 75वीं वर्षगांठ भी है।
यह पूछे जाने पर कि वैश्विक मंदी के असर को कम करने के लिए भारत और सऊदी अरब को क्या करना चाहिए। मोदी ने कहा कि भारत ने व्यापार के अनुकूल माहौल बनाने के लिए अनेक सुधारवादी कदम उठाये हैं, जिससे कि वह वैश्विक वृद्धि तथा स्थिरता का केन्द्र बना रहे। उन्होंने कहा कि सऊदी अरब ने भी अपने विजन 2030 के तहत सुधार के कार्यक्रमों की शुरूआत की है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के व्यापार सुगमता के लिए उठाये गये कदमों और निवेशकों के अनुकूल अनेक पहल किये जाने से विश्व बैंक के व्यापार सुगमता सूचकांक में भारत की रैंकिंग 142 से 63 पर आ गयी है।
सरकार की मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, स्वच्छ भारत, स्मार्ट सिटी और स्टार्टअप इंडिया जैसी योजनाओं से विदेशी निवेशकों के लिए संभावनाएं बढी हैं।
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि भारत और सऊदी अरब जैसी एशियाई शक्तियों की अपने पड़ोस में समान सुरक्षा चिंता हैं। इस संदर्भ में यह सराहनीय है कि आतंकवाद से निपटने, सुरक्षा और सामरिक महत्व के मुद्दों पर हमारा सहयोग निरंतर बढ रहा है।’