जुबली न्यूज़ डेस्क
सचिन पायलट और ज्योतिरादित्य सिंधिया उच्च पद प्राप्त करते हैं, तो राहुल पीछे रह जाएंगे ये कहना है भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता उमा भारती का।
उन्होंने राजस्थान के सियासी घटनाक्रम पर ट्वीट करते हुए लिखा कि, म.प्र. में जो घटा और राजस्थान में जो घट रहा है उसके लिए राहुल गांधी जिम्मेदार हैं क्योंकि वह कांग्रेस में युवा नेताओं को विकसित नहीं होने देते। उन्हें लगता है कि अगर ज्योतिरादित्य और सचिन पायलट जैसे शिक्षित और सक्षम नेता उच्च पद प्राप्त करते हैं, तो वह पीछे रह जाएंगे।
म.प्र. में जो घटा और राजस्थान में जो घट रहा है उसके लिए राहुल गांधी जिम्मेदार हैं क्योंकि वह कांग्रेस में युवा नेताओं को विकसित नहीं होने देते।उन्हें लगता है कि अगर ज्योतिरादित्य और सचिन पायलट जैसे शिक्षित और सक्षम नेता उच्च पद प्राप्त करते हैं, तो वह पीछे रह जाएंगे:उमा भारती,BJP pic.twitter.com/582Yd11Ouz
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 13, 2020
बता दें कि राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से चल रहे इस सियासी ड्रामे ने रविवार को क्लाइमेक्स का रूप ले लिया। अशोक गहलोत और सचिन पायलट में राजस्थान में हुए विधानसभा चुनाव से ही आरपार की लड़ाई जारी है। लेकिन रविवार को सचिन ने पूर्व कांग्रेसी साथी और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया से मुलाकात की, दोनों की मीटिंग करीब 40 मिनट तक चली। जिसके बाद अटकलें लगाई जाने लगीं कि सचिन पायलट भी भाजपा का दामन थाम सकते हैं।
हालांकि सचिन पायलट की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट सन्देश नहीं दिया गया है और उन्हें मानाने के लिए दिल्ली हाईकमान ने अपने तीन नेताओं को भी लगाया है। वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मीडिया को अपने आवास में बुलाया है, जहां पर विधायकों की संख्या का शक्ति प्रदर्शन किया जा रहा है। अशोक गहलोत की ओर से लगातार 100 से अधिक विधायकों के समर्थन की बात कही जा रही थी। इस दौरान अशोक गहलोत ने मीडिया के सामने विक्ट्री साइन दिखाया।
बता दें कि राजस्थान में कांग्रेस और साथी दलों के पास पूर्ण बहुमत है और भाजपा काफी दूर है। अगर कुछ विधायक पाला बदलते हैं तो राजस्थान की सरकार पर कोई बड़ा संकट नहीं आता दिख रहा है।
राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं, जिनमें से कांग्रेस के पास 107 विधायक हैं इसके अलावा उसे कुछ अन्य निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जबकि भाजपा के पास सिर्फ 72 विधायक हैं। अब अगर सचिन पायलट के दावे के मुताबिक, 30 विधायक पाला बदलते हैं, तो अशोक गहलोत सरकार पर संकट आ सकता है।
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