जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। यूक्रेन और रूस के बीच जंग को पांच दिन होने जा रहे हैं। दोनों तरफ से जमकर लड़ाई देखने को मिल रही है। रूस लगातार यूक्रेन पर अपना शिकंजा कसता नजर आ रहा है।
यूक्रेन के कई शहरों को रूसी सेना के घुसने की खबर है लेकिन यूक्रेन ने साफ कर दिया है वो आखिरी दम तक लड़ेंगे। इसके लिए यूक्रेन एक और बड़ा कदम उठाया है। दरअसल रूस को जवाब देने के लिए अब यूक्रेन ने कैदियों को उतारा, हत्या के दोषियों को रिहा कर मोर्चे पर भेजने का फैसला किया है।
ये लोग अब रूसी हमलों को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए अब पूरी तरह से तैयार है और जंग शामिल होने की तैयारी में है। नेशनल प्रॉसीक्यूटर जनरल के कार्यालय ने रविवार को इसकी जानकारी देते हुए बताया है कि यूक्रेन अब जंग में शामिल होने के लिए सैन्य पृष्ठभूमि वाले खूंखार कैदियों और आरोपियों को रिहा करने जा रहा है।
प्रॉसीक्यूटर जनरल ऑफिस के अधिकारी एंड्री सिनुक ने मीडिया को इस बात की जानकारी देते हुए कहा है कि दोषी के सर्विस रिकॉर्ड, युद्ध का अनुभव और जेल में उसके व्यवहार, इन सभी बातों पर विचार करने के बाद ही तय किया जाएगा कि उसे जंग में शामिल होने दिया जाए या नहीं।
एंड्री सिनुक ने एक कैदी का जिक्र करते हुए बताया कि सर्गेई टॉर्बिन रिहा की दिया गया है और वो पूर्व लड़ाकू रह चुका है। इतना ही नहीं टॉर्बिन पहले डोनेत्स्क और लुगंस्क पीपुल्स रिपब्लिक के साथ युद्ध में लड़ चुका है।
“Ukraine’s government also is releasing prisoners with military experience who want to fight for the country, a prosecutor’s office official, Andriy Sinyuk, told the Hromadske TV channel Sunday.” https://t.co/o3LoSBdVNs
— Daniel Lippman (@dlippman) February 27, 2022
नागरिक अधिकार कार्यकर्ता और भ्रष्टाचार विरोधी प्रचारक कतेरीना हांडज़ुक पर तेजाब फेंकने के बाद मौत के जुर्म में उन्हें 2018 में छह साल और छह महीने जेल की सजा हुई थी। सिनुक ने कहा कि टॉर्बिन ने अपनी रिहाई के बाद अपने दस्ते के लिए पूर्व कैदियों को चुना है।
इसी तरह से एक अन्य पूर्व सैनिक दिमित्री बालाबुखा को रिहा कर दिया गया है। उसने 2018 में बस स्टॉप पर एक व्यक्ति की चाकू मारकर हत्या करने के लिए मामले में नौ साल जेल की सजा सुनाई गई थी। बता दें कि रूस को रोकने के लिए आम नागरिकों ने खुद हथियार उठाया है और यूक्रेन की सेना को मजबूत करने में जुट गए है।
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने आदेश जारी किया है कि देश के जो भी नागरिक सेना में शामिल होने लायक हैं, वे देश छोडक़र नहीं जा सकते हैं। ऐसे में कई लोग सेना की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।