जुबिली स्पेशल डेस्क
मुंबई में हर साल की तरह इस बार दशहरा रैली का आयोजन किया गया। शिवसेना यूबीटी के प्रमुख उद्धव ठाकरे भी कार्यक्रम में शामिल हुए लेकिन उन्होंने इस दौरान मौजूदा सरकार पर जमकर निशाना साधा है।
विजयदशमी के अवसर आयोजित रैली में उन्होंने शिंदे सरकार को निशाने पर लिया और उनकी आलोचना करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। उन्होंने कहा कि देश केवल निर्णय की राह नही देख रहा है।
चुनाव में जनता निर्णय लेगी कि असली शिवसेना किसकी है। इस दौरान मोदी सरकार को उन्होंने नहीं छोड़ा और कहा कि उन्होंने कहा कि चुनाव कराएं और जनता आपको बताएगी कि असली शिवसेना कौन है?
मैं आपको महाराष्ट्र में चुनाव कराने की चुनौती देता हूं। उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी वंशवाद पर हमला करते हैं।
मुझे अपने वंश, अपनी विरासत पर गर्व है। मोदी पहले परिवारवाद में विश्वास करना शुरू करें, फिर दूसरों के परिवारों पर हमला करें। शिवसेना विधायकों को अयोग्य ठहराने में देरी हो रही है। स्पीकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं। यह संविधान में वर्णित कानून का उल्लंघन है।
बता दें कि वहां पर शिवसेना कांग्रेस और एनसीपी मिलकर सरकार चला रहे थे लेकिन बाद में शिंदे गुट ने बगावत कर दी और इसका नतीजा ये हुआ कि उनको इस्तीफा देना पड़ा और इसके बाद शिंदे ने अलग गुट बना लिया और फिर बीजेपी की मदद से सरकार खुद सीएम की कुर्सी पर बैठ गए।
इतना ही नहीं शिवसेना में हुई बगावत से उद्धव ठाकरे के हाथ से उनका चुनाव चिन्ह भी निकल गया और पार्टी का नाम भी छिन गया। मामला कोर्ट में चल रहा है और देखना होगा कि अगला कदम क्या होता है।इसके बाद एनसीपी में बगावत हुई और अजित पवार ने अपने चाचा से अलग चलने का फैसला किया और बीजेपी से हाथ मिलाकर उप मुख्यमंत्री बन गए है।