जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है। इसकी तैयारी में हर कोई जुटा हुआ है और लोग इस दिन दिवाली की तरह मनाना चाहते हैं लेकिन इस मामले पर देश की सियासत में उबाल देखने को मिल रहा है।
बीजेपी जहां इसकी प्रचार-प्रसार में कोई कसर नहीं छोड़ रही है तो दूसरी तरफ विपक्ष इसे पूरे तरह से बीजेपी का इवेंट करार दे रही है। इतना ही नहीं विपक्षी दलों का आरोप है कि बीजेपी राम मंदिर के जिए राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश कर रही है।
दरअसल इस अगले कुछ महीनों में लोकसभा का चुनाव है। ऐसे में बीजेपी एक बार फिर राम मंदिर के नाम का इस्तेमाल कर सकती है। विपक्ष इस बात को समझ रहा है जबकि बीजेपी लगातार राम मंदिर को लेकर पहले भी सियासत करती रही है।
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले राम मंदिर का उद्घाटन भी इसी तरह से देखा जा रहा है। विपक्ष के लगभर हर नेताओं ने उत्तर प्रदेश के अयोध्या में 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से दूरी बना ली है।
इस बीच शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी पर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि वो देश भक्त हैं लेकिन अंधभक्त नहीं हैं। उन्होंने पीएम मोदी पर तंज करते हुए कहा कि पीएम मोदी सिर्फ चाय पर ही चर्चा क्यों करते हैं।
कभी कॉफी, बिस्किट फाफड़ा, पर भी उन्हें चर्चा करनी चाहिए. उद्धव ने कहा कि उन्हें खुशी है राम विराजमान हो रहे हैं हम भी दिवाली मनाएंगे पर जो देश का दिवाला निकल रहा इस पर भी चर्चा होनी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि अटल सेतु बनाया है लेकिन अटल जी की फोटो ही नहीं लगी है ऐसे में देखना होगा की राम मंदिर में राम जी की मूर्ति होगी भी या नहीं इसकी चिंता हैं।कुछ दिन पहले ही उद्धव ने कहा था कि भगवान के दर्शन करने के लिए उन्हें किसी के निमंत्रण की जरूरत नहीं है, वो जब चाहे मंदिर जा सकते हैं. उन्होंने ये भी कहा था कि 22 जनवरी के बाद वो अयोध्या जाएंगे।
इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल होने पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि उनके कुछ दौरे हैं उन्हें वहां जाना है इसीलिए वो बैठक में शामिल नहीं हो पाएंगे. उन्होंने ये भी कहा कि इसे लेकर कोई गलतफहमी नहीं होनी चाहिए।