जुबिली स्पेशल डेस्क
मुंबई। बीते कुछ दिनों से महाराष्ट्र की राजनीतिक में जोरदार घमासान देखने को मिला है। शिवसेना के कुनबे के दरार पड़ गई और एकनाथ शिंदे ने बड़ी आसानी से उद्धव ठाकरे को सीएम पद से हटाकर खुद वहां के सीएम बन गए।
उन्होंने बगावती की ऐसी चाल चली कि उद्धव ठाकरे उसे समझ नहीं पाए और विधायकों को अपने पाले में करके बीजेपी से मिलकर खुद मुख्यमंत्री बनकर बैठ गए है। इतना ही नहीं उनकी पूरी नजर पूरी पार्टी यानी शिवसेना पर है।
इसी सब मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में अहम सुनवाई शुरू हुई। सुनवाई के दौरान उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले शिवसेना कैंप को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी राहत देते हुए विधानसभा स्पीकर के फैसले लेने पर रोक लगाई है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस अर्जी पर ही सॉलिसिटर जनरल से कहा कि वह महाराष्ट्र के विधानसभा स्पीकर को बताएं कि इस याचिका पर फैसले तक वह कोई फैसला न लें।
सॉलिसिटर जनरल से कहा कि वह महाराष्ट्र के विधानसभा स्पीकर को बताएं कि इस याचिका पर फैसले तक वह कोई फैसला न लें। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस अर्जी पर सुनवाई के लिए बेंच का गठन करना होगा। ऐसे में अर्जी को लिस्टेड करने के लिए कुछ वक्त चाहिए। कल इस पर सुनवाई नहीं हो सकती है।
भले ही अदालत ने अर्जी को लेकर कोई फैसला नहीं दिया है, लेकिन स्पीकर के फैसले लेने पर रोक लगाकर उद्धव कैंप को फौरी राहत जरूर दी है। बता दे कि शुक्रवार को ठाकरे समूह ने शिंदे को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले का विरोध किया था । शिंदे और उनके लोगों ने 25 जून को डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल द्वारा उनमें से 16 को जारी किए गए अयोग्यता के नोटिस को भी चुनौती दी है।