Wednesday - 30 October 2024 - 1:25 PM

फ्लोर टेस्‍ट से पहले उद्धव सरकार की धड़कने बढ़ी

न्‍यूज डेस्‍क

महाराष्ट्र में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार बनने के बाद भी उद्धव ठाकरे की परेशानियां खत्‍म नहीं हुई हैं। एनसीपी जहां अजित पवार को लेकर फैसला नहीं ले पा रही है। वहीं, कांग्रेस ने विधानसभा अध्‍यक्ष के साथ डिप्‍टी सीएम पद की मांग करके उद्धव सरकार की धड़कने बढ़ा दी है।

हालांकि, इस बीच खबरें आ रही हैं कि तीनो ही दलों के बीच बीच मंत्रालय के बंटवारे पर सहमति बन गई है। कांग्रेस को राजस्व, पीडब्लूडी और आबकारी विभाग मिल सकता है, जबकि एनसीपी के खाते में गृह, वित्त, पर्यावरण और वन मंत्रालय जा सकता है। मुख्यमंत्री पद के अलावा शिवसेना के बाद शहरी विकास, हाउसिंग, सिंचाई, परिवहन मिल सकता है। अभी शिक्षा और उद्योग से जुड़े मंत्रालयों पर सहमति नहीं बन पाई है।

माना जा रहा है कि फ्लोट टेस्‍ट के बाद एक-दो दिन में एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना के नेता मंत्रालयों के बंटवारे पर अंतिम निर्णय ले लेंगे। इसके बाद कैबिनेट का विस्तार होगा। उसके बाद ही मंत्रालयों का बंटवारा किया जा सकता है।

गौतरलब है कि सरकार बनाने से पहले शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच पदों के बंटवारे पर सहमति बन गई थी। तय हुआ था कि सीएम पद शिवसेना को दिया जाएगा। इसके बाद उद्धव ठाकरे को तीन दलों के विधायकों ने अपना नेता चुना था। इसके अलावा एनसीपी के पास डिप्टी सीएम और कांग्रेस के खाते में स्पीकर पद जाएगा। हालांकि, एनसीपी ने अभी डिप्टी सीएम किसी को नहीं बनाया है, लेकिन माना जा रहा है कि अजित पवार को डिप्टी सीएम का पद दिया जा सकता है।

कांग्रेस चाहती है कि राज्य में एनसीपी के अलावा उनकी पार्टी का भी डिप्टी सीएम हो। इससे पहले कांग्रेस को स्पीकर पद दिए जाने पर सहमति बनी थी। डिप्टी सीएम को लेकर अभी तीनों दलों के बीच कोई चर्चा नहीं हुई है।

रविवार को विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन में स्पीकर का पद कांग्रेस के खाते में गया है और कांग्रेस ने नाना पटोले को उम्मीदवार बनाया गया है, जबकि बीजेपी ने किसन कथोरे को अपना प्रत्याशी बनाया है। किसन कथोरे ने अपनी राजनीति की शुरुआत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से की थी. उन्होंने पहला चुनाव अंबरनाथ सीट से लड़ा और शिवसेना के कद्दावर नेता को हराया था। फ्लोर टेस्ट से पहले दावा किया जा रहा है कि उद्धव सरकार के पास करीब 171 विधायकों का समर्थन है।

उद्धव सरकार के पास है इनका समर्थन  
शिवसेना- 56
निर्दलीय- 08
एनसीपी- 54
कांग्रेस- 44
सपा- 02
स्वाभिमानी शेतकारी संगठन- 01
बहुजन विकास अगाड़ी (बीवीए)- 03
एमएनएस- 01
पीडब्ल्यूपी- 01
सीपीआई (एम)- 01
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