जुबिली न्यूज डेस्क
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधानसभा में भाजपा और आरएसएस को आड़े हाथों लिया। उन्होंने भाजपा को नसीहत दी कि देशभक्ति का सार्टिफिकेट बांटना बंद करें।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि संघ के लोगों ने स्वतंत्रता संग्राम में भी हिस्सा नहीं लिया था और अब वे ‘भारत माता की जय’ का नारा लगाकर अपनी देशभक्ति को साबित नहीं कर सकते।
मुख्यमंत्री ठाकरे विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर हुई चर्चा में बोल रहे थे। भाजपा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि ‘हिंदुत्व का ढिंढोरा पीटने वाली बीजेपी का साहस तब कहां चला गया था जब बाबरी मस्जिद गिरी थी। हम तब भी हिंदू थे, आज भी हिंदू हैं और कल भी हिंदू रहेंगे।
उद्धव एक बार फिर विधानसभा चुनाव से पहले के मुद्दों को ताजा करते हुए कहा कि मातोश्री में उनके और अमित शाह के बीच जो चर्चा हुई थी, उससे भाजपा ‘बेशर्मी’ से मुकर गई।
उन्होंने कहा कि 2019 के चुनाव से पहले उन्हें मुख्यमंत्री का पद देने पर बात हुई थी।
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ठाकरे ने कहा कि बीजेपी हमें हिंदुत्व न सिखाए। हम झूठ नहीं बोलते हैं। जो कहते हैं करके दिखाते हैं। हम आपको विश्वास दिलाते हैं कि औरंगाबाद का नाम संभाजीनगर करके रहेंगे और विदर्भ को महाराष्ट्र के कतई अलग नहीं होने देंगे।’
उद्धव ने कहा कि, ‘स्वतंत्रता संग्राम के दौरान शिवसेना नहीं थी लेकिन बीजेपी का आरएसएस तो था, लेकिन उसने संग्राम में हिस्सा नहीं लिया। अब भारत माता की जय के नारे लगाकर वे अपनी देशभक्ति साबित नहीं कर सकते। आप सत्ता में आने के बाद भी लोगों को न्याय नहीं दिला पा रहे हैं।’
ठाकरे ने कई मुद्दों को लेकर बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बीजेपी वीडी सावरकर को भारत रत्न नहीं दिला पाई, पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ गईं। अचानक लॉकडाउन कर दिया, मराठी भाषा को क्लासिकल स्टेटस नहीं दे पाई।