सैय्यद मोहम्मद अब्बास
लखनऊ। एक समय था जब विश्व क्रिकेट में यूपी के क्रिकेटरों का बोलबाला भारतीय टीम में देखने को मिलता था। कैफ, रैना, आरपी सिंह और प्रवीण कुमार एक साथ भारतीय टीम में खेलते नजर आते थे। हालांकि उनके बाद पीयूष चावला की फिरकी भी कुछ समय के लिए नजर आई थी। हालांकि बाद के दौर में भी कुछ खिलाड़ी टीम इंडिया का हिस्सा रहे हैं लेकिन हाल के दिनों में भुवी और कुलदीप यादव टीम इंडिया की सबसे मजबूत कड़ी माने जाते हैं।
इन दोनों को छोड़ दें तो कोई और खिलाड़ी हाल-फिलहाल में नजर नहीं आता। सीनियर टीम में भले ही दो खिलाड़ी इस समय हों लेकिन ये तस्वीर बहुत जल्द बदल सकती है, क्योंकि प्रियम गर्ग जैसे जूनियर क्रिकेटर अपनी प्रतिभा के बल पर सीनियर टीम में भी दस्तक दे सकते हैं।
प्रियम गर्ग के हालिया प्रदर्शन से राहुल द्रविड़ इतने खुश हुए कि उनकी तारीफ के पुल बांधने लगे। इसका नतीजा रहा कि अगले साल दक्षिण अफ्रीका में होने वाले अंडर-19 वल्र्ड कप के लिए मेरठ के प्रतिभावान बल्लेबाज प्रियम गर्ग को टीम इंडिया की कमान सौंप दी गई है।
मेरठ से और भी क्रिकेटर निकल चुके हैं
मेरठ का नाम सुनते ही जहन में स्पोर्ट्स इंडस्ट्रीज घुमने लगती है लेकिन यहां से कई क्रिकेटर भी निकले हैं। दरअसल यहां से निकलने वाले क्रिकेटर भारतीय टीम में पहुंच कर विश्व क्रिकेट में अपना झंडा बुलंद किया है। मेरठ से मौजूदा समय में स्विंग के सबसे खतरनाक गेंदबाज भुवनेश्वर का नाम सबसे ऊपर आता है। उनसे पहले प्रवीण कुमार की अपनी स्विंग के चलते चर्चा में रहते थे। हालांकि लेग स्पिनर कर्ण शर्मा भी आईपीएल के सहारे सुर्खियों में रहे हैं। अब यहां से एक और खिलाड़ी प्रियम गर्ग सीमित सुविधाओं के बावजूद इंटरनेशनल क्रिकेट में धमाकेदार प्रदर्शन कर रहा है। भामाशाह पार्क स्टेडियम से क्रिकेट के गुर सीख रहे हैं प्रियम गर्ग अब बड़े स्तर पर अपनी प्रतिभा को दिखा रहे हैं।
प्रियम गर्ग के करियर पर एक नजर
30 नवंबर, 2000 को उत्तर प्रदेश के मेरठ में जन्में प्रियम गर्ग को इसी साल इंग्लैंड में खेली गई अंडर-19 त्रिकोणीय सीरीज़ के लिए पहली बार भारतीय अंडर-19 टीम का कप्तान बनाया गया था। दाएं हाथ के मध्यक्रम बल्लेबाज प्रियम गर्ग का बल्ला रणजी सीजन में खूब बोला था। उन्होंने 11 मैचों में दो शतक और चार पचासा के बल पर 814 रन बनाये है। उनका 67.83 की औसत भी बेहद शानदार रहा है। इससे पहले उन्होंने अंडर-14, अंडर-16, अंडर-19 में अपना दम-खम दिखाया है। उनकी बल्लेबाजी में विराट कोहली की झलक भी देखने को मिलती है।
पिता के पास नहीं था क्रिकेटर बनाने का पैसा
प्रियम गर्ग को क्रिकेट खेलना का शौक बच्चपन से था। उन्होंने सात साल की उम्र में सचिन को खेलते देखा तो उनसे काफी प्रभावित हुए और इसके बाद प्रियम भी उनकी राह पर चल पड़े। हालांकि उनके पिता के पास इतना पैसा नहीं था कि वह अपने बेटे को क्रिकेटर बनाते लेकिन प्रियम ने इसके बावजूद खेलना जारी रखा। इस दौरान प्रियम गर्ग के मामा ने उनका पूरा स्पोर्ट किया। मामा ने प्रियम को मेरठ के विक्टोरिया स्टेडियम में कोचिंग दिलाने का फैसला किया।
भारतीय टीम
प्रियम गर्ग (कप्तान), ध्रुव चंद जुरेल (विकेटकीपर और उपकप्तान), यशस्वी जयसवाल, तिलक वर्मा, दिव्यांश सक्सेना, शाश्वत रावत, दिव्यांश जोशी, शुभांग हेगड़े, रवि बिश्नोई, आकाश सिंह, कार्तिक त्यागी, अथर्व अंकोलेकर, कुमार कुशाग्र (विकेटकीपर), सुशांत मिश्र, विद्याधर पाटिल।
चारों ग्रुप की टीमें
- ग्रुप-ए ग्रुप-बी ग्रुप-सी ग्रुप-डी
- भारत ऑस्ट्रेलिया पाकिस्तान अफगानिस्तान
- श्रीलंका इंग्लैंड बांग्लादेश दक्षिण अफ्रीका
- न्यूजीलैंड वेस्टइंडीज जिम्बाब्वे यूएई
- जापान नाइजीरिया स्कॉटलैंड कनाडा