जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले पार्टी के नेता एक बार फिर सोनिया गांधी से सवाल पूछने वाले हैं. सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले 23 नेताओं के रुख में फिलहाल कोई बदलाव नहीं है. इस चिट्ठी की वजह से राहुल गांधी ने जिस अंदाज़ में आलोचना की थी और उस आलोचना के बाद जिस तरह से कपिल सिब्बल और गुलाम नबी आज़ाद मुखर हुए थे. वह विरोध उस वक्त तो किसी तरह से दबा दिया गया लेकिन सच बात यही है कि आग सिर्फ राख के ढेर ने नीचे दब गई है. ज़रा सी हवा चलने की देर है यह आग फिर भड़कने वाली है.
14 सितम्बर को संसद का मानसून सत्र शुरू होने वाला है. इससे पहले कांग्रेस के सभी वरिष्ठ नेता वर्चुअल मीटिंग के ज़रिये आमने-सामने होने वाले हैं. कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में हुए हंगामे के बाद यह पहला मौका होगा जब सभी वरिष्ठ कांग्रेस नेता साथ बैठेंगे. बैठक में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह और ए.के.एंटनी भी होंगे और वह नेता भी जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष को चिट्ठी लिखकर तमाम सवाल उठाये थे.
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सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले नेताओं को इस बात की भी शिकायत है कि चिट्ठी के ज़रिये अपनी बात पार्टी नेतृत्व तक पहुंचाने के मुद्दे पर राहुल गांधी, डॉ. मनमोहन सिंह और ए.के.एंटनी ने इसकी कड़ी आलोचना की लेकिन इतने दिन गुज़र जाने के बाद भी पार्टी ने अब तक उन नेताओं से मुलाकात नहीं की. हालांकि सोनिया गांधी ने उस दिन यह आश्वासन दिया था कि इस चिट्ठी पर छह महीने के भीतर निर्णय ले लिया जायेगा. यह नेता यह भी चाहते हैं कि राहुल गांधी खुद भी यह स्पष्ट करें कि वह अध्यक्ष पद के दावेदार हैं या नहीं.