जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। देश के पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनावों का लेकर माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर गलत या भ्रामक जानकारी को प्रसारित करने वाली सामग्रियों को हटा दिया जाएगा।
ट्विटर ने आज यहां बयान जारी कर कहा कि उसकी सिविक इंटीग्रिटी नीतियों को लागू करने का मतलब है कि ऐसी सामग्रियों को हटा दिया जाएगा जो चुनाव में हस्तक्षेप करने वाली, छेड़छाड़, गलत या भ्रमित करने वाली सूचना है।
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इसमें चुनाव प्रक्रिया में भाग लेने के तरीकों के बारे में गलत सूचना देना भी शामिल है जिसका मकसद लोगों को डराना या चुनाव में भाग लेने या मतदान करने से हतोत्साहित करना है।
मतदान केंद्र बंद है, मतदान खत्म हो चुका है, मतदान पूरा हो चुका है या अन्य गलत सूचना जो वोट नहीं गिने जाने और या ऐसे विवरण जो किसी राजनीतिक उम्मीदवार या दल से उनकी गलत संबद्धता बताते हो, उसे भी सिविक इंटीग्रिटी नीतियों में शामिल किया गया है।
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उसने कहा कि सिन्थेटिक और मैनिपुलेटेड मीडिया कई अलग रूप धर सकते हैं और लोग भिन्न किस्म की टेक्नालॉजी का उपयोग करके ऐसी मीडिया तैयार कर सकते हैं।
इस नीति के तहत किसी कंटेंट को लेबल करने (नाम देने) या हटाने के लिए उसके पास यह मानने का कारण या संदर्भ होना चाहिए, जिसमें पेश किए जाने वाले मीडिया को अच्छे-खासे और भ्रामक ढंग से बदला तथा छेड़ा जाता है।
ट्विटर ने कहा कि इस तरह की सामग्री को सिंथेटिक और मैनिपुलेटेड मीडिया माना जाएगा और इसे एक ट्विटर मोमेन्ट से जोड़ दिया जाएगा ताकि लोगों को अतिरिक्त संदर्भ मिले और जमीनी स्तर पर बात हो ताकि वे जिस विषय में बात करना चाहते हैं या जिसे बढ़ाना चाहते हैं उसपर जानकारी-भरा निर्णय लिए जा सकें।
उसने कहा कि विज्ञापनों के लिए राजनीतिक सामग्री से संबंधित उसकी नीति है। उसका मानना है कि राजनीतिक संदेश की पहुँच कमाई जानी चाहिए तथा खरीदी नहीं जानी चाहिए। इस तरह राजनीतिक उम्मीदवारों और राजनीतिक दलों के विज्ञापन लाना खत्म हो चुका है।
प्रतिबंधित राजनीतिक विज्ञापनों को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई भी की जा रही है और इसके लिए व्यापक तथा बारीकी से काम करने वाली प्रवर्तन व्यवस्था लागू किए जा रहे हैं। इनमें संदर्भ वाले उम्मीदवारों, पार्टियों के विज्ञापनों के साथ चुनाव से संबंधित अन्य सामग्री को चिन्हित करना और ब्लॉक करना शामिल है।
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