न्यूज डेस्क
लोकसभा चुनाव अपने अंतिम चरण में है। 19 मई को लास्ट फेज की वोटिंग होगी। 23 मई को चुनाव के परिणाम आएंगे। इससे पहले चुनाव आयोग एग्जिट पोल को लेकर सख्त हो गया है।
आयोग ने ट्विटर से 2019 लोकसभा चुनाव से संबंधित सभी एग्जिट पोल तत्काल हटाने को आदेश दिया है। आयोग के आदेश के बाद अब सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स से एग्जिट पोल हटाए जाएंगे।
दरअसल, चुनाव आयोग को शिकायत मिली थी, जिसके बाद चुनाव आयोग ने यह फैसला किया है। चुनाव के दौरान किसी भी तरह के एग्जिट पोल, जो चुनाव को प्रभावित कर सकते हों, या जिनमें किसी पार्टी के हारने या जिताने के आंकड़े पेश किए जाते हों उन पर रोक लगाई जाती है।
बता दें कि चुनाव से ठीक पहले एग्जिट पोल, आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आता है। इससे पहले चुनाव आयोग ने मीडिया आउटलेट को लोकसभा चुनावों के नतीजों के बारे में अनुमान जताने वाले सर्वेक्षणों को जारी करने पर कारण बताओ का नोटिस जारी किया गया था।
क्या होता है एग्जिट पोल?
एग्जिट पोल सभी चरणों की वोटिंग खत्म होने के बाद ही जारी किए जाते हैं। इस दौरान हर चरण की वोटिंग से संबंधित डाटा इकट्ठा किया जाता है। वोटिंग के दिन जब मतदाता वोट डालकर निकल रहा होता है, तब उससे पूछा जाता है कि उसने किसे वोट दिया। इस आधार पर किए गए सर्वेक्षण से व्यापक नतीजे निकाले जाते हैं। इसे ही एग्जिट पोल कहते हैं। आमतौर पर टीवी चैनल वोटिंग के आखिरी दिन एग्जिट पोल ही दिखाते हैं।