जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. नोएडा के ट्विन टावर को गिराने की तैयारियां तेज़ी से चल रही हैं. 22 मई के दिन ज़मींदोज़ हो जायेगा ट्विन टावर. इसे बनाने वाली कम्पनी सुपरटेक ने इसे बचाने के लिए देश की सर्वोच्च अदालत तक का दरवाज़ा खटखटाया लेकिन उसे कहीं से भी राहत नहीं मिली. 22 मई को पूरे देश की निगाहें ट्विन टावर पर लगी होंगी क्योंकि दिल्ली और एनसीआर के लिए यह पहला मौका होगा कि इतनी बड़ी इमारत विस्फोटक लगाकर उड़ाई जा रही हो.
22 मई को ट्विन टावर के एक किलोमीटर के दायरे में सिर्फ पांच लोग ही मौजूद होंगे. आसपास के सभी अपार्टमेंट पांच घंटे के लिए खाली करा लिए जायेंगे. नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे को भी एक घंटे के लिए बंद कर दिया जायेगा. इस इलाके मंग पुलिस की इतनी सख्त घेराबंदी होगी कि कोई ट्विन टावर के आसपास भी भटक नहीं पाएगा.
इस ट्विन टावर को गिराने में चार हज़ार टन विस्फोटक का इस्तेमाल किया जायेगा. विस्फोटक लगाने के लिए इस बिल्डिंग में सात हज़ार होल किये जायेंगे. चार-चार फ्लोर का गैप रखते हुए पूरे टावर में होल करते हुए उनमें विस्फोटक भरा जायेगा. इस विस्फोटक को एक तार द्वारा जोड़ा जायेगा. यह तार उस रिमोट से जुड़ा होगा जिससे बटन दबाकर इमारत को उड़ाया जायेगा.
ट्विन टावर में चार हज़ार टन विस्फोटक लगाने में 20 से 25 दिन का वक्त लगेगा. विस्फोटक लगाना जिस दिन शुरू होगा उस दिन से इन टावर के आसपास भी कोई बाहरी व्यक्ति नहीं जा सकेगा. सिर्फ विस्फोटक लगाने वाले टेक्नीशियन ही इसके भीतर जा सकेंगे.
इतनी विशाल इमारत को उड़ाने में आसपास की इमारतों तक उड़कर मलबा न पहुँच जाये इस बात को ध्यान में रखते हुए इमारत को लोहे के मज़बूत जाल से कवर करने के बाद उड़ाया जायेगा.
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