जुबिली न्यूज डेस्क
बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हुए हमले को लेकर अमेरिका की हिंदू नेता तुलसी गैबर्ड ने चिंता व्यक्त की है।
अमेरिकी संसद के निचले सदन में सांसद रहीं तुलसी गैबर्ड ने कहा है कि बांग्लादेश में हिन्दुओं और धार्मिक अल्पसंख्यकों को 1971 से लगातार प्रताडि़त किया जाता रहा है और बांग्लादेश में हिन्दू तभी से निशाने पर रहे हैं।
इस मामले को लेकर तुलसी ने एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें वे कहती हैं कि साल 1971 में पाकिस्तानी सेना ने लाखों बंगाली हिन्दुओं की हत्याएं कीं, बलात्कार किये और उन्हें घरों से बेदखल कर दिया, और यह सब सिर्फ धर्म और नस्ल की वजह से किया गया।
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भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के खिलाफ हिंसा की घटनाओं की निंदा करते हुए अमेरिकी नेता ने कहा कि पूरे विश्व को जिहादी-कट्टरपंथी विचारधारा का सामना करने के लिए आगे आना होगा।
Hindus & religious minorities in Bangladesh continue to be targeted & persecuted, as they have been since 1971 when the Pakistani army systematically murdered, raped & drove from their homes millions of Bengali Hindus because of their religion & ethnicity. pic.twitter.com/4DVWibzrkT
— Tulsi Gabbard 🌺 (@TulsiGabbard) April 2, 2021
तुलसी ने अपने वीडियो में हिंसा की कुछ घटनाओं का जिक्र भी किया है। उन्होंने कहा है कि, “25 मार्च 1971 को पाकिस्तानी सेना द्वारा बांग्लादेश में हिन्दुओं को व्यवस्थित ढंग से निशाना बनाने की शुरुआत हुई थी। ढाका विश्वविद्यालय में एक हिन्दू छात्रावास था, जहां अकेले उस रात पांच से दस हजार लोग मारे गये थे। यह नरसंहार अभियान दस महीने तक जारी रहा, जिसके परिणामस्वरूप करीब बीस लाख लोग मारे गये।”
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उन्होंने ने यह भी कहा कि बांग्लादेश की आजादी के बाद भी वहां हिन्दुओं के उत्पीडऩ का सिलसिला रुका नहीं है। इस्लामिक कट्टरपंथियों के अल्पसंख्यक विरोधी अभियान के तहत आज भी हिंदुओं पर हमले हो रहे हैं।
अपने वीडियो संदेश में तुलसी गैबर्ड ने कहा, ”कुछ दिन पहले भी बांग्लादेश में कट्टरपंथियों ने हिन्दू मंदिरों पर हमले किये। उन्होंने ट्रेनों में आगजनी की। सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया।”
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तुलसी गैबर्ड इन हमलों को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि “बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ अपराधों को अंजाम देने वालों को अक्सर सजा नहीं दी जाती। यह बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी है कि वो उन लोगों को सजा दिलाये जो हिंसा करते हैं और भड़काते हैं।”