जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली. अमेरिका का लोकतांत्रिक इतिहास जिस तरह धूल धूसरित हो रहा है, किसी ने सोचा न होगा. खुद को दुनिया का चौधरी समझने वाला देश दुनिया के सामने जो उदाहरण पेश कर रहा है उसने यह साफ़ कर दिया है कि वह भी किसी ख़ास तबके का प्रतिनिधि नहीं है. उसके अन्दर भी हार से गुस्सा पनपता है. वह भी बदला लेने के लिए कभी भी आस्तीन चढ़ा सकता है. वह भी सिर्फ जीतना चाहता है चाहे रास्ता गलत ही क्यों न अपनाना पड़े.
डोनाल्ड ट्रम्प ने राष्ट्रपति चुनाव के लिए दोबारा पर्चा भरा था तो यह बात ख़्वाब में भी नहीं सोची थी कि व्हाईट हाउस को कभी छोड़कर भी जाना पड़ेगा. तीन नवम्बर को वोटिंग के दौरान ही तय हो गया था कि जो बाइडन राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. यह बात अमेरिका ही क्यों पूरी दुनिया ने मान ली थी लेकिन ट्रम्प ने नहीं मानी थी.
ट्रम्प लगातार खुद को जीता हुआ बता रहे थे. 14 नवम्बर को रिज़ल्ट आया जिसे ट्रम्प ने मानने से इनकार कर दिया. वह अदालतों के चक्कर लगाने लगे. उनके झूठ के साथ जब उनके नियुक्त किये गए जज भी नहीं खड़े हुए तो ट्रम्प ने यह तय करवा दिया कि यूएस में पहली बार वह हालात बनेंगे कि किसी पूर्व राष्ट्रपति को मार्शल अपनी ताकत के बल पर व्हाईट हाउस से बाहर खदेड़ेंगे.
कल छह जनवरी को अमरीकी संसद ने खुद बाइडन की जीत की पुष्टि कर दी. इस संवैधानिक पुष्टि के बाद ट्रम्प के सामने कोई रास्ता नहीं बचा कि वह 20 जनवरी के बाद अमरीकी सत्ता के शीर्ष पर रह पायें. संसद ने बता दिया कि अब ट्रम्प को जाना ही होगा.
ट्रम्प के पास जब कोई रास्ता नहीं बचा तो ट्रम्प समर्थकों ने सड़क से संसद तक ज़बरदस्त हंगामा खड़ा कर दिया. संसद में वाइस प्रेसीडेंट की कुर्सी तक पर प्रदर्शनकारी काबिज़ हो गए. गोलियां चलने लगीं. चार लोगों की मौत भी हो गई.
ट्रम्प ने चुनाव से पहले ही यह बात स्पष्ट कर दी थी कि वह हार भी गए तो भी सत्ता छोड़ेंगे नहीं. इसी जिद पर वह अब तक अड़े रहे लेकिन आज उन्हें कहना पड़ा कि 20 को पद छोड़ देंगे.
सत्ता के लिए इस तरह के संघर्ष नए नहीं हैं. दुनिया के तमाम देशों में ऐसे संघर्ष होते रहते हैं, लेकिन अमेरिका में ऐसा हो जाएगा किसी ने सोचा नहीं होगा. 25 साल पहले दुनिया छोड़कर जा चुकीं बुल्गारिया के भविष्यवक्ता बाबा वेंगा ने अमेरिका को लेकर जो भविष्यवाणियां की हैं उसे फिर से पढ़ें तो आने वाले दिन डोनाल्ड ट्रम्प को और भी दयनीय बनाने वाले हैं.
साल 2020 तक जिस ट्रम्प का दुनिया में डंका बज रहा था. उसके बारे में बाबा वेंगा ने लिखा था कि उनके सामने ऐसे हालात बनेंगे जिसका उनके दिमाग पर इतना गहरा असर पड़ेगा कि उन्हें ब्रेन हैमरेज हो जाएगा. जीवन संकट में पड़ जाएगा. वह स्वस्थ होंगे तो उन्हें कान से सुनाई देना बंद हो जाएगा, वह बहरे हो जायेंगे.
ट्रम्प के कार्यकाल के आख़री कुछ महीनों को देखें तो ट्रम्प के दिमाग पर हार की कितनी बड़ी चोट लगी है यह देखने वालों को साफ़ नज़र आ रही है. सात जनवरी को बड़े पैमाने पर हिंसा न हुई होती तो ट्रम्प यह बात नहीं कहते कि 20 को पद छोड़ देंगे. हालांकि उन्होंने यही कहा है कि नतीजे स्वीकार नहीं हैं लेकिन पद छोड़ देंगे.
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ज़ाहिर है कि हिंसक प्रदर्शनों के बाद जब ट्रम्प ने देखा कि उनके सोशल मीडिया एकाउंट बंद कर देने का आदेश प्रभावी हो गया. हिंसा के बाद दुनिया भर में उनके खिलाफ आवाजें तेज़ हो गईं. ज़ाहिर है कि ट्रम्प हटेंगे तो उनके दिमाग पर गहरा प्रभाव पड़ेगा. बहुत संभव है कि बाबा वेंगा की भविष्यवाणी का असर भी सच होता नज़र आये.