जुबिली न्यूज़ डेस्क
यूनिवर्सिटी और विदेशी छात्रों के दबाव में आकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कदम पीछे हटा लिया हैं। दरअसल पिछले कुछ दिनों में अमेरिका में ऑनलाइन एजुकेशन के जरिये पढाई कर रहे विदेशी छात्रों का वीजा रद्द करने का फैसला ट्रम्प सरकार ने किया थ। इस फैसले का काफी विरोध हुआ था जिसके बाद अब ट्रंप सरकार में ये फैसला वापस ले लिया है।
बीते दिन कोर्ट में ट्रंप प्रशासन इमिग्रेशन और कस्टम विभाग के वकील ने कहा कि इस सुनवाई कि अब ज़रूरत नहीं है, क्योंकि हम ये फैसला वापस लेने के लिए तैयार हैं। इससे अमेरिका में रह रहे हजारों विदेशी छात्रों को राहत मिलेगी।
बता दें कि ट्रंप प्रशासन ने पिछले हफ्ते ही ऐसा आदेश किया था कि जो विदेशी छात्र अमेरिकन यूनिवर्सिटीज से ऑनलाइन एजुकेशन हासिल कर रहे हैं, उन्हें अपने देश वापस जाना होगा। ऐसा करने के पीछे ट्रंप प्रशासन ने कोरोना संक्रमण की वजह बताया था और कहा था कि ऑनलाइन कोर्स के लिए अमेरिका में बने रहने की कोई ज़रुरत नहीं है।
The Trump administration drops a plan to stop international students from attending schools in the US if only online courses are offered https://t.co/TVswbbfZVC
— CNN Breaking News (@cnnbrk) July 14, 2020
इसके बाद ट्रंप के इस फैसले का काफी विरोध हुआ और जॉन हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड, एमआईटी (मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) यूनिवर्सिटीज ने इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में एक याचिका दायर की थी।
इस बीच कोर्ट में जारी सुनवाई के दौरान ट्रंप प्रशासन ने ये फैसला वापस लेने पर सहमति दे दी। जस्टिस एलीसन बरोज ने सुनवाई में कहा, ‘सरकार ने अपना पुराना फैसला रद्द कर दिया है। साथ ही पुराने फैसले पर चल रही कार्रवाई को तुरंत रोकने पर भी सहमति दे दी है।’
दो लाख भारतीयों पर पड़ता असर
गौरतलब है कि ट्रंप सरकार ने अमेरिकी यूनिवर्सिटीज पर ऑनलाइन कोर्सेज शुरू करने का दबाव बनाया जा रहा था और जब कुछ कोर्सेज को शुरू हुए तो छात्रों को वापस लौटने का फरमान सुना दिया।इस पर अमेरिकी सरकार ने कहा था कि जिन स्टूडेंट्स की सभी क्लासेस ऑनलाइन शिफ्ट हो गईं हैं, उन्हें अपने देश लौटना होगा। सरकार के इस फैसले से 10 लाख स्टूडेंट्स पर असर पड़ने वाला था। अमेरिका में इस वक्त 2 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र हैं जो इस फैसले के बाद लौटने के लिए मजबूर हो जाते।
सबसे ज्यादा आते हैं चीनी
अमेरिका में सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स चीन से आते हैं। इसके बाद भारतीयों का नंबर है। ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन वाले स्टूडेंट्स के लिए एफ-1 और एम-1 कैटेगरी के वीजा जारी किया जाता हैं। इसलिए सरकार यह फैसला भारतीय छात्रों पर काफी असर डालता।
साल 2019 में 2 लाख 2 हजार 14 भारतीय छात्र अमेरिका गए थे। 2018 में 1 लाख 96 हजार 271 और 2017 में 1 लाख 86 हजार 267 छात्र अमेरिका पढ़ने गए थे। अमेरिका में लगातार 6 साल से इंडियन स्टूडेंट्स बढ़ रहे हैं। 2018 के मुकाबले 2019 में 2.9% ज्यादा भारतीय छात्र अमेरिका गये थे।