जुबिली न्यूज डेस्क
शादियों के बदलते ट्रेंड के बीच अब जासूसी एजेंसियों की भी इसमें एंट्री हो गई है। कल तक लड़का-लड़की के घर-खानदान के बारे में पता करने के लिए नाऊ की सेवा ली जाती थी, अब ये एजेंसियां यह काम कर रही हैं। इनका सबसे ज्यादा इस्तेमाल प्री-मेट्रोमोनियल चेक्स यानी शादी तय करने से पहले लड़के व लड़की के बारे में पूरी जानकारी इकट्ठा करने के लिए किया जा रहा है।
प्राइवेट डिटेक्टिव एसोसिएशन के तहत करीब 200 एजेंसियां पंजीकृत हैं, जो देशभर में व्यक्तिगत व कॉरपोरेट सेवाएं देती हैं। इनकी मांग लगातार बढ़ती जा रही है। तीन-चार दशकों से इस काम में लगी एजेंसियों का कहना है कि राजधानी में करीब 70 से 80 प्रतिशत परिवार शादी से पहले लड़के-लड़कियों की जानकारियां जुटाने के लिए ‘करमचंद ’ और उनकी टीम की मदद ले रहे हैं। घर-नौकरी के साथ अफेयर की भी छानबीन करवाई जा रही है।
इन बिंदुओं पर जानकारियां
पारिवारिक पृष्ठभूमि कैसी है, कोई आपराधिक रिकॉर्ड तो नहीं?
नौकरी और वेतन जो बताया गया है, वह सच है या नहीं?
चिकित्सकीय स्तर क्या है, कोई बीमारी आदि तो नहीं?
दौरे आने की शिकायत तो नहीं है?
बीते दिनों अस्पताल में भर्ती तो नहीं हुआ या हुई?
नशे का शौक और लती होने में अंतर है। शराब, सिगरेट की आदत किस स्तर तक है?
मौजूदा या अतीत में अफेयर, किसी के साथ रिलेशन आदि की स्थिति क्या है?
मैरिज ब्यूरो के साथ बढ़ा कारोबार
स्पाई डिटेक्टिव के रोहित मलिक कहते हैं कि जिस तेजी से मैरिज ब्यूरो पर निर्भरता बढ़ती जा रही है, उसी तरह डिटेक्टिव एजेंसी से लोग काम ले रहे हैं। रिश्तों में अविश्वास बढ़ा है। लड़के-लड़कियों के अफेयर को लेकर लोग संतुष्ट हो जाना चाहता है।
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