प्रमुख संवाददाता
कोरोना वायरस की महामारी ने दुनिया की रफ़्तार को थाम दिया है। मंदी, बेरोजगारी और तमाम समस्याओं को दरकिनार कर भारत समेत दुनिया के कई देशों ने लॉक डाउन कर अपने-अपने देशों को यथास्थान रोक दिया है। लोग भूख से न मारें इस बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने अपना खजाना खोल दिया है।
उद्योगपतियों ने भी मदद के लिए हाथ बढाए हैं। कोरोना मरीजों की बढ़ती तादाद को देखते हुए मरीजों को कहाँ भर्ती किया जाए के सवाल को भारतीय रेल ने हल कर दिया है।
लॉक डाउन के बाद पटरियों पर खड़ी ट्रेनें अब कोरोना वायरस के मरीजों के लिए आइसोलेशन वार्ड में बदलना शुरू हो गई हैं। रेलवे ने ट्रेन के डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में बदलने के लिए डाक्टरों के बताये मुताबिक़ बदलाव भी शुरू कर दिया है।
रेलवे ने शुरुआती दौर में ट्रेन के 28 नॉन एसी कोच को आइसोलेशन वार्ड में बदल दिया है। रेलवे ने इसके लिए ट्रेन के डिब्बों में बीच वाली बर्थ को हटा दिया है। रेल अधिकारियों ने कहा है कि ज़रुरत पड़ी तो रेलवे ऐसे तीन लाख आइसोलेशन बेड तैयार कर देगा।
रेल अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन के डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में बदलने के लिए कोच में मौजूद इन्डियन टाइप टॉयलेट को पूरी तरह से तैयार कर दिया गया है। यहां पर पानी का टब भी रख दिया गया है। टॉयलेट को इस तरह से तैयार किया गया है कि वहां इन्फेक्शन की संभावना न रहे। ट्रेन के हर डिब्बे में चार-चार टॉयलेट होते हैं।
आइसोलेशन वार्ड के रूप में बदले गए इन डिब्बों में बाथरूम की व्यवस्था भी होगी। रेल अधिकारियों ने बताया कि इन आइसोलेशन वार्ड में 6 अप्रैल के बाद मरीजों को भर्ती किया जा सकेगा। ट्रेन की बोगी को आइसोलेशन वार्ड में बदलने के लिए उसमें मेडिकल से सम्बंधित उपकरण लगाए जा रहे हैं।
प्लास्टिक के पर्दे लगाए जा रहे हैं। चार्जिंग के सभी साकेत बदले जा रहे हैं। ऊपर की बर्थ पर चढ़ने वाली सीढ़ियों को हटा लिया गया है।