दिलीप कुमार ने ‘सॉरी” कह दिया होता तो मुधबाला से उनके प्यार का अंजाम कुछ और होता
प्रेमेंद्र श्रीवास्तव
यह सभी जानते हैं कि मधुबाला और दिलीप कुमार फिल्म ‘तराना” के सेट पर मिले। लेकिन एक वाक्या आपको बताना मैं भूल गया कि ‘तराना” के सेट पर मिलने से पहले उन्होंने मुधबाला को अपनी एक फिल्म के सेट पर देखा था जब वो फिल्म के प्रोड्यूसर से मिलने आयी थीं।
उन्हें देखकर दिलीप साहब के दिमाग में एक ही ख्याल आया कि खुदा ने उन्हें फुरसत से बनाया होगा। उनकी हिरनी जैसी बड़ी बड़ी चंचल आंखें, घने लम्बे घुंघराले बाल, दमकता चमकता चांद सा चेहरा, होठों पर एक लम्बी सी शरारत भरी मुस्कान।
कुंदन की जुवेलरी और जरी की गुलाबी साड़ी। यह छवि उनके दिल में घर कर गयी। बला की खूबसूरत मधुबाला अप्सरा सी छवि उनके दिल में उतर गयी।
फिल्म के सेट पर दोनों एक दूसरों को घंटों देखा करते। दिलीप कुमार शर्मीले स्वभाव के थे। मधुबाला उन्हें सलाह देतीं कि वे अपना शर्मीला स्वभाव में परिवर्तन लायें क्योंकि इससे उनके काम में फर्क पड़ रहा है उनकी डायलाग डिलीवरी भी प्रभावित होती है।
यह उनके किरदार में रोड़ा सा लगता है। दिलीप कुमार को अपने इस नये दोस्त की सलाह बहुत भाती। वे कोशिश करते कि सलाह पर अमल किया जाए।
उन्हें लगता कि वे ही कुछ ज्यादा दिल के हाथों मजबूर हुए जा रहे हैं पता नहीं दूसरी ओर भी वैसी कोई फीलिंग है भी या नहीं। उनकी इस दुविधा भी मधुबाला ने ही खत्म कर दी।
एक दिन मधुबाला ने अपनी हेयर ड्रेसर के हाथों एक लिफाफे में फूल व खत रखकर भिजवाया जिसमें इश्क का इजहार किया गया था। लाल गुलाब अपने पास रखकर उन्होंने ग्रीन सिग्नल दे दिया।
अब यह तय था कि आग दोनों तरफ बराबर लगी हुई थी। धीरे धीरे दोनों करीब आते गये। दोनों प्रेम के दरिया में गोते लगा रहे थे। दोनों को एक साथ वक्त बिताना अच्छा लग रहा था।
लेकिन मधुबाला के पिता अताउल्लाह खान को यह दोस्ती एकदम पसंद नहीं थी। ग्यारह बच्चों के पिता खान साहब कभी नहीं चाहते थे कि वे आपस में मिलें। क्योंकि वे जानते थे कि अगर मधुबाला इश्क शादी में पड़ीं तो उनका ऐशो आराम छिन जाएगा।
अब उन्होंने मधुबाला पर कड़ी नजर रखनी शुरू कर दी। दिलीप साहब भी मिलने के लिए नये नये हथकंडे अपनाते। कभी वे उस सेट पर चले जाते जहां मधुबाला शूटिंग कर रही होतीं।
दिलीप साहब चाहते थे कि इस रिश्ते को नाम दिया जाए। लेकिन अताउल्लाह खान उसमें सबसे बड़ा रोड़ा थे क्योंकि वे भी जानते थे कि खान साहब उन्हें पसंद नहीं करते।
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आखिर बहुत सोचने के बाद उन्होंने एक रास्ता निकाला। उन्होंने अपनी बहन शकीना को कहा कि वे मधुबाला के घर जाएं और रिश्ते की बात करें।
उन्होंने शकीना को लाल रंग की एक चुनरी दी और कहा कि वे मधुबाला को शगुन के तौर पर भेंट करें और उनके वालिद से निकाह की बात करें।
मधुबाला के पिता ने शादी के लिए रखी थी ये मांग
शकीना घर गयीं। पूरा परिवार था लेकिन बात कुछ खास बनती नहीं दिखी। अताउल्लाह खान इस रिश्ते से नाखुश थे। उन्होंने बड़ी चालाकी से एक ऐसी मांग रखी जो शर्तिया दिलीप साहब को नागवार गुजरती।
उन्होंने कहा कि हमने हाल ही प्रोडक्शन कम्पनी खोली है। मैं चाहता हूँ कि शादी के बाद दिलीप साहब केवल हमारे होम प्रोड्क्शन में मधुबाला के साथ ही काम करें। इसमें जो भी कमाई होगी वह कम्पनी को जाएगी।
यह सारी बातें दिलीप साहब तक पहुंची। उन्होंने इस प्रस्ताव को नामंजूर कर दिया। अलबत्ता उन्होंने यह जरूर कहा कि मधुबाला जो भी कमायेंगी वह सारा वे अपने पास रख सकते हैं लेेकिन उनके कैरियर को डिसाइड करने वाले वो कौन होते हैं?
निकाह का चैप्टर यहां जरूर क्लोज्ड हो गया था लेकिन दोनों की मुहब्बत पहले की तरह जवान थी। लेकिन तभी एक ऐसी घटना हो गयी जब इस प्रेमी जोड़े की राहें हमेशा हमेशा के लिए जुदा हो गयीं।
हुआ यह कि बीआर चोपड़ा दिलीप कुमार और मधुबाला की हिट जोड़ी को लेकर फिल्म ‘नया दौर” बना रहे थे। ‘नया दौर” फिल्म के कुछ हिस्सों की शूटिंग कर चुकी मधुबाला को मेकर्स ने चालीस दिन के शूटिंग शेड्यूल के लिए ग्वालियर भेजना चाहा।
अताउल्लाह खान नहीं चाहते थे कि मधुबाला इतने लम्बे समय के लिए दिलीप कुमार के साथ रहें। पिता ने मेकर्स से लोकेशन चेंज करने का आग्रह किया। जिसके लिए बीआर चोपड़ा राजी नहीं हुए।
तब पिता ने मधुबाला को फिल्म छोड़ने को कहा। मधुबाला ने फिल्म छोड़ दी। बीआर चोपड़ा ने उनकी जगह वैजयंतीमाला को साइन कर लिया और एक बड़ा सा विज्ञापन भी छपवा दिया जिसमें मधुबाला की फोटो पर क्रास लगा था और बगल में बड़ी सी वैजयंतीमाला की फोटो लगी थी। यह बेइज्जती देखकर अताउल्लाह खान आग बबूला हो गये।
मामला इतना बिगड़ा कि वे कोर्ट पहुंच गये। इधर मेकर्स ने साइन अमाउंट वापस न करने पर काउंटर केस दायर कर दिया। इस दौरान दिलीप कुमार ने फिल्म के डायरेक्टर का साथ दिया और मधुबाला के पिता के खिलाफ कोर्ट में गवाही दी।
उन्होंने कहा कि वे डिक्टेटर की तरह व्यवहार करते हैं। ये मधुबाला को काम नहीं करने दे रहे हैं। उन्हें फिल्म साइन करते समय इस बात का ख्याल रखना चाहिए था कि वे आउटडोर की इजाजत देंगे कि नहीं।
मधुबाला को भी आउटडोर के लिए मना नहीं करना चाहिए था। मधुबाला से उनके सम्बंध में जब कोर्ट में पूछा गया तो दिलीप कुमार ने कहा कि इस लड़की जिसका नाम मधुबाला है मैं बेइंतिहा मोहब्बत करता हूं और मैं सारी जिन्दगी प्यार करता रहूंगा। उनकी इस गवाही की वजह से न सिर्फ मधुबाला का दिल टूट बल्कि दोनों के रिश्तों में दरार आ गई।
मधुबाला की छोटी बहन मधुर ब्राजभूषण ने एक इंटरव्यू में कहा था कि उनके पिता और बीआर चोपड़ा के बीच सारी गलतफहमियां कुछ प्रोड्यूसर्स ने मिलकर दूर करा दी थीं। यह मामला रफा दफा हो गया था।
मधुबाला ने जब ने रख दी थी ये शर्त
मधुबाला को लगता था कि शायद दिलीप कुमार को एक दिन अपनी गलती का अहसास होगा और वो वापस आ जाएंगे। दिलीप कुमार ने भी पैचअप के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी।
उन्होंने के. आसिफ से मुगले आजम मेें अनारकली के रोल के लिए सिफारिश की। मधुबाला ने दिलीप कुमार के सामने एक शर्त रखी कि वे उनके वालिद से सॉरी बोल दें और गले लगा लेें तो हमारा निकाह हो सकता है।
लेकिन दिलीप साहब इस बात पर अड़ गये कि जब मैंने कोई गलती ही नहीं की तो मैं सॉरी क्यों बोलूं? मधुबाला अपने वालिद को सबसे ज्यादा चाहती थीं। वे उनको दुख पहुंचाकर शादी नहीं करना चाहती थीं।
दोनों फिल्म ‘मुगल-ए-आजम” में साथ शूटिंग जरूर करते रहे थे, लेकिन साथ रहते हुए दोनों एक-दूसरे के लिए बिल्कुल अजनबी बने रहे। एक सीन में दिलीप कुमार को मधुबाला को थप्पड़ मारना था।
कैमरा चालू हुआ और डायलॉग पूरा होने के बाद उन्होंने मधुबाला को इतनी जोर का थप्पड़ जड़ दिया कि उसकी गूंज सेट पर खड़े सभी टेक्नीशियनों ने सुनीं।
एकदम खामोशी छा गयी। मधुबाला के गाल पर चार उंगलियों के निशान छप गये। के आसिफ मधुबाला को सेट से दूर ले गये और बोले,’ ये थप्पड़ बताता है कि दिलीप तुमसे अब भी बहुत प्यार करता है। तुमसे नहीं बस वो तुम्हारे वालिद के व्यवहार से खफा है। देखना इस शॉट को एक दिन दु़निया याद करेगी। वेल डन।”
मधुबाला नहीं कामिनी कौशल थीं दिलीप कुमार का पहला प्यार
दिलीप कुमार को ट्रैजडी किंग कहा जाता है और हो भी क्यों न वो एक नहीं बल्कि कई बार प्यार में हारे थे और आखिर में उन्हें सहारा दिया उनकी नंबर वन फैन और हमसफर सायरा बानो ने।
दिलीप साहब और मधुबाला का प्यार ही अक्सर किस्सों और कहानियों में सुना जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि मधुबाला से भी पहले दिलीप साहब ने किसी और एक्ट्रेस को दिल दे दिया था।
दिलीप कुमार और उस एक्ट्रेस ने साथ कई फिल्में की थीं और दोनों को इसी बीच प्यार हो गया था। पर इस प्रेम कहानी से जुड़ी एक ट्रैजडी भी है जिसके कारण दिलीप कुमार के ट्रैजडी किंग कहा जाने लगा और वो फिल्मों में अपना दर्द दिखाने लगे।
ये वो दौर था जब फिल्मी हीरो दिल से एक्टिंग किया करते थे और अपने एक्सप्रेशन से लोगों के दिल का हाल बयां कर देते थे।
आज हम आपको उसी स्टोरी के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे शायद फिल्मी इतिहास के पन्नों में खामोश रखा गया है। दिलीप साहब की पर्सनल लाइफ कभी वैसी नहीं रही जैसी होनी चाहिए थी और वो हमेशा अपने प्यार को हार बैठे।
दिलीप साहब का पहला प्यार थीं उस वक्त की टॉप एक्ट्रेस कामिनी कौशल। कामिनी कौशल का करियर भी काफी अच्छा था और वो भी अपने बुढ़ापे तक फिल्में करती रही हैं, लेकिन उस दौर में इस बेमिसाल अदाकारा और खूबसूरत इंसान की बात ही कुछ और थी। इन दोनों ने साथ में ‘शहीद”,’शबनम” और ‘नदिया के पार’ फिल्में की थीं।
दिलीप साहब और कामिनी कौशल का प्यार वैसे तो कभी स्वीकार नहीं किया गया, लेकिन चर्चित नॉवलिस्ट इस्मत चुगतई ने अपनी किताब में लिखा है कि दिलीप कुमार को कामिनी से सच्ची मोहब्बत हो गई थी।
यही कारण है कि दिलीप कुमार ट्रेजडी किंग बन गए। इस्मत चुगतई के मुताबिक जितना प्यार दिलीप कुमार ने कामिनी से किया था उतना किसी से नहीं किया और भले ही बाद में उनकी जिन्दगी में मधुबाला, वैजयंती माला, सायरा बानो और आसमा रहमान थीं, लेकिन कामिनी की जगह हमेशा अलग रही।
एक रिपोर्ट के मुताबिक डायरेक्टर पी.एन.अरोड़ा ने इस बात का खुलासा किया था कि दिलीप कुमार को कामिनी कौशल के भाई ने जान से मारने की धमकी दी थी।
वो सेट पर आए थे और उनके हाथ में बंदूक थी। लेकिन उन्होंने इस पर कोई तवज्जो नहीं दी। इसके बाद उन्होंने कामिनी और दिलीप दोनों को मारने की धमकी दी थी और कहा था कि अगर ये अफेयर जारी रहा तो वो ऐसा ही करेंगे।
उस वक्त कामिनी के भाई की नाराजगी इसलिए थी क्योंकि कामिनी पहले से ही शादीशुदा थीं। दरअसल, एक एक्सिडेंट में कामिनी की बहन की मौत हो गई थी और कामिनी को घर वालों के दबाव में आकर उनके पति से शादी करनी पड़ी थी।
कामिनी ने पहले भी इस शादी के लिए मना किया था, लेकिन बहन के छोटे बच्चों के कारण कामिनी को अपने जीजा से ही शादी करनी पड़ी।
दरअसल, कामिनी और दिलीप कुमार अपने रिश्ते को खत्म करने के लिए तैयार नहीं थे, लेकिन कामिनी के भाई को इससे बहुत गुस्सा आया और उसने खुद को ही गोली मार ली।
दोनों इस हादसे से अंदर तक परेशान हो गए और अपना रिश्ता खत्म कर दिया। कामिनी अपने पति के साथ ही रच-बस गईं और दिलीप कुमार ट्रेजडी किंग बनते चले गए।
2014 में एक मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में कामिनी ने कहा था कि उनके रिश्ते के टूटने के बाद वो दोनों पूरी तरह से टूट गए थे और उन्हें संभलने में काफी वक्त लगा।
दिलीप कुमार की जिन्दगी में जब सायरा बानो आईं तो ही उनके जीवन में खुशहाली आयी। ये एक मजेदार किस्सा है कि सायरा बानो की मां नसीम बानो को जब पता चला कि उनकी बेटी सायरा बानो शादीशुदा राजेन्द्र कुमार से शादी रचाना चाहती हैं तो उन्होंने दिलीप साहब से रिक्वेस्ट की वो सायरा का समझायें।
जब उन्होंने सायरा को राजेन्द्र कुमार से शादी के लिए मना किया तो उन्होंने छुटते ही कहा कि फिर आप शादी कर लें। दिलीप साहब अचकचा गये। तब सायरा की उम्र 22 साल और वे 44 साल के थे।
इस बात को नसीम बानो ने भी हवा दी। तीन चार बार कहने के बाद दिलीप साहब तैयार हो गये। और ये दोनों 55 सालों तक साथ रहे।
हालांकि, दिलीप कुमार और सायरा की जिंदगी में भूचाल असमा रहमान की वजह से भी आया। असमा दिलीप साहब की दूसरी पत्नी थीं जिनसे सायरा के होते हुए दिलीप कुमार ने शादी की थी। पर दो साल बाद ही दोनों का तलाक हो गया था और दिलीप कुमार वापस सायरा के पास लौट आए थे। (लेखक वरिष्ठ पत्रकार हैं)