जुबिली पोस्ट ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी में करीब 15 चौराहों पर आपके इशारे पर ट्रैफिक चलेगा। मतलब अगर आप इन 15 चौराहों को पैदल पार करना चाहते हैं तो बस आपको सिग्नल का एक बटन दबाना होगा, जिसके बाद तेज रफ्तार से दौड़ता ट्रैफिक अपने आप रुक जाएगा। इसके बाद आप बेहद आराम से सड़क पार कर सकेंगे।
आपके सड़क के दूसरी तरफ जाते ही ट्रैफिक फिर से अपनी रफ्तार पकड़ लेगा। पैदल चलने वाले लोगों को राहत देने के लिए करीब पंद्रह लोकेशन पर पैलिकन क्रॉसिंग स्थापित की जा रही हैं। इसकी मदद से पैदल चलने वाले आसानी से चौराहा पार कर लेंगे।
आपको बता दे की दिल्ली-इंदौर की तर्ज पर पैलिकन क्रासिंग का कांसेप्ट लाया गया है। यह व्यवस्था स्मार्ट सिटी के अंतर्गत की जा रही है। यह सिस्टम सीधे जीपीएस से लैस होगा। जिससे सिस्टम पर कंट्रोल रूम से नजर रखी जा सकेगी। अगर कोई इसका मिस यूज करता है तो उसके खिलाफ आसानी से एक्शन भी लिया जा सकेगा।
क्या होती पैलिकन क्रासिंग
यह एक सिग्नल सिस्टम है। जिसे उन मार्गो में लगाया जाता है, जहां तेज रफ्तार वाहन गुजरते हैं। वाहनों की रफ्तार के कारण पैदल सड़क पार करना मुश्किल होता है और कई बार हादसे भी होते हैं। सिग्नल सिस्टम लग जाने के बाद अगर कोई पैदल सड़क पार करना चाहता है तो उसे बस सिग्नल में लगे बटन को दबाना होगा।
जिससे उस सड़क के मेन प्वाइंट पर लगा मेन सिग्नल रेड हो जाएगा और सड़क से गुजर रहे वाहन रुक जाएंगे। इसके बाद बटन दबाने वाला व्यक्ति आसानी से सड़क पार कर जाएगा। उसके सड़क पार करते ही मेन सिग्नल फिर से ग्रीन होगा और ट्रैफिक पहले की तरह शुरू हो जाएगा।
मुख्य चौराहों पर मिलेगी सुविधा
मुख्य रूप से पैलिकन क्रासिंग को प्रमुख चौराहों की लोकेशन पर लगाया जाएगा। जैसे सिकंदरबाद, हजरतगंज, लोहिया पथ, अलीगंज आदि लोकेशन में इस सिस्टम को लगाने की तैयारी शुरू हो गई है।
करीब एक लाख खर्च का अनुमान
एक सिस्टम को लगाने में कितना खर्च आएगा, यह अभी तय नहीं है। लेकिन जानकारों की माने तो एक सिस्टम को लगाने में लाख से सवा लाख रुपये तक खर्च आ सकता है। इस सिस्टम को लगाने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। इस महीने के अंत से यह सिस्टम काम करने लगेगा।
खास बात
- 5 माह पहले निकला था टेंडर
एक सिस्टम पर सवा लाख खर्च
सिस्टम में 3 से 4 बटन होंगे
15 लोकेशन पर स्थापित की जाएगी पैलिकन क्रॉसिंग
शहर के 15 प्रमुख प्वाइंट्स पर पैलिकन क्रॉसिंग की व्यवस्था की जा रही है। इससे पैदल यात्री आसानी से चौराहा या सड़क पार कर सकेंगे। संभावना है कि इस महीने के अंत तक व्यवस्था काम करने लगेगी।
डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, नगर आयुक्त