जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोरोना संकट के बीच लगाए गए लॉकडाउन के कारण ठप हो चुके पटरी कारोबार को वापस पटरी पर लाने का रोड मैप तैयार कर लिया है। काम दोबारा शुरू कराने के लिए आसान कर्ज योजना शुरू की है। प्रधानमंत्री एसवीए निधि स्कीम के तहत स्ट्रीट वेंडर्स अपना धंधा दोबारा शुरू करने के लिए 10,000 रुपये का लोन ले सकते हैं।
इसके बाद 1 साल में मासिक किस्तों के जरिये कर्ज लौटाया जा सकता है। इस माइक्रो क्रेडिट सुविधा के लिए मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन और स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया ने समझौता किया है।
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आत्मनिर्भर भारत पैकेज की जानकारी देते हुआ कहा था कि पीएम एसवीए निधि योजना के जरिये 50 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को फायदा पहुंचेगा। सरकार ने इस योजना को शुरू करते समय स्पष्ट किया है कि समय पर कर्ज लौटाने वाले लोगों को कुल ब्याज में 7% की छूट भी दी जाएगी।
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ये छूट की राशि लोन जमा हो जाने पर उनके बैंक अकाउंट में ट्रांसफर होगी। यही नहीं, समय पर कर्ज चुकाने वाले भविष्य में जरूरत पड़ने पर ज्यादा कर्ज ले सकते हैं यानी उनकी क्रेडिट लिमिट बढ़ा दी जाएगी।
प्रधानमंत्री एसवीए निधि स्कीम को लेकर हुए समझौते के मुताबिक, सिडबी स्कीम को लागू करने के लिए शेड्यूल्ड कमर्शियल बैंक, नॉन- फाइनेंस कंपनीज, माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशंस, को-ऑपरेटिव बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, रीजनल रूरल बैंक के नेटवर्क का फायदा उठाकर जरूरतमंदों तक सुविधा पहुंचवाएगा। उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही योजना के लिए इंटीग्रेटेड आईटी प्लेटफॉर्म भी लॉन्च हो जाएगा।
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योजना के पहले चरण में 108 शहरों की पहचान की गई है, जहां स्ट्रीट वेंडर्स को कर्ज उपलब्ध कराया जाएगा। इन शहरों में जुलाई 2020 से ये योजना लागू हो जाएगी।
बता दें कि देश में लॉकडाउन के कारण हॉकर, फेरीवाले, रेहड़ी- पटरी वाले, फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले लोगों समेत तमाम स्ट्रीट वेंडर्स को कामधंधा बंद करना पड़ा। इनमें बड़ी तादाद उन लोगों की है, जिनकी कुल पूंजी बहुत ही कम है।
वहीं, 24 मार्च के बाद से काम बंद होने के कारण इनकी माली हालत और ज्यादा खराब हो गई। इसलिए सरकार की ओर से मिलने वाली ये छोटी सी मदद भी उनके लिए काफी बड़ी साबित होगी और वे दोबारा अपना कामधंधा शुरू कर सकेंगे।
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