बस कंडक्टर की बेटी टोक्यो ओलंपिक में दिखाएंगी दम, पैदल चाल में मिला है GOLD
जुबिली स्पेशल डेस्क
लखनऊ। कुछ दिन पहले की बात है जब प्रियंका गोस्वामी ने ओलंपिक का टिकट हासिल कर सबको चौंका डाला था। उन्होंने पैदल चाल प्रतियोगिता में 20 किलोमीटर की वॉक 1 घंटा 28 मिनट 45 सेकेंड में पूरी कर सोना अपने नाम किया था।
ये सोना काफी कीमती था क्योंकि इसके बल पर उन्होंने ओलम्पिक का टिकट हासिल कर लिया था। उनकी प्रतिभा की हर कोई तारीफ कर रहा है।
इतना ही नहीं पीएम मोदी ने अपनी ‘मन की बात’ के कार्यक्रम में प्रियंका गोस्वामी का जिक्र कर उनकी प्रशंसा की थी। अब ओलम्पिक में उनसे पदक की आस लगायी जा रही है।
प्रियंका मिशन ओलम्पिक के लिए निकल चुकी है और भरोसा जता रही है कि टोक्यो मेें भारत का तिरंगा लहराना के लिए पूरा जोर लगा देगी।
वर्ष 1998 में बैंकाक में आयोजित 13वें एशियाई खेलों में 10 हजार मीटर दौड़ में कांस्य पदक जीतने वाले गुलाब ने कहा ये अच्छी बात है कि इस बार यूपी से दस खिलाड़ी ओलम्पिक में अपनी दावेदारी पेश कर रहे हैं।
उन्होंने प्रियंका गोस्वामी की तारीफ करते हुए कहा कि उन्हें पूरी उम्मीद है कि वो टॉप-3 में जगह बना सकती है और देश के लिए पदक जीत सकती है।
वहीं प्रियंका के कोच गौरव त्यागी हाल में मीडिया में कहा था कि मन में लगन और कुछ कर दिखाने का जज्बा प्रियंका को आज इस मुकाम तक ले आया है।
अब तक प्रियंका ने कई नेशनल और इंटरनेशनल अवार्ड अपने नाम कर लिए हैं। उधर ओलम्पिक में क्वालीफाई करने पर राजधानी लखनऊ के एथलीटों ने खुशी जाहिर की है और उम्मीद की है प्रियंका ओलम्पिक में देश के लिए पदक जीतेगी।
प्रियंका गोस्वामी मेरठ की रहने वाली है। उन्होंने कैलाश प्रकाश स्टेडियम से अपना सफर शुरू किया था और फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। उनके घर के हालाता ठीक नहीं है।
उनके पिता एक बस कंडक्टर थे। इतना ही नहीं उनकी नौकरी भी जा चुकी है लेकिन बेटी ने खेलों की दुनिया में कुछ अलग करने के इरादे से निकल पड़ी और संघर्ष और जद्दोजहद के बाद प्रियंका अब ओलम्पिक में भारत का नाम रौशन करेंगी।
बहुत कम लोग जानते हैं कि प्रियंका पहले जिमनास्ट में अपना दम-खम दिखाती थी लेकिन 2007-08 में लखनऊ छात्रावास में रहीं प्रियंका कुछ समय बाद जिमनास्टिक से किनारा कर लिया और फिर तीन साल बाद उन्होंने एथलेटिक्स की दुनिया में कदम रखा और सफलता उनके कदमों में है। 29 साल की प्रियंका इस समय एनईआर बरेली में जूनियर क्लर्क हैं।
प्रियंका पर एक नजर
- प्रियंका ने वर्ष 2015 में रेस वॉकिंग में आयोजित राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता था
- मैंगलोर में फेडरेशन कप में भी तीसरे स्थान पर रहते हुए कांस्य पदक अपने नाम किया
- वर्ष 2017 में दिल्ली में हुई नेशनल रेस वॉकिंग चैम्पियनशिप में सोना जीता
- 2018 में खेल कोटे से रेलवे में प्रियंका को क्लर्क की नौकरी मिल गई