जुबिली स्पेशल डेस्क
पौष के आखिरी दिन सूर्यास्त के बाद यानी माघ संक्रांति की प्रथम रात को लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है। दरअसल मकर संक्रांति से ठीक पहले लोहड़ी का पर्व मनाया जाता है।
ये त्योहार पंजाब और हरियाणा के लोगों के लिए खास होता है और वहां पर बड़ी धूम-धाम से इस पर्व को लोग मनाते हैं। इस दौरान दोनों राज्यों में अच्छी रौनक देखने को मिलती है।
लोहड़ी के दिन अग्नि में तिल, गुड़, गजक, रेवड़ी और मूंगफली चढ़ाने का रिवाज होता है। इस बार देशभर में 14 जनवरी यानी आज लोहड़ी का पर्व मनाया जा रहा है।
लोहड़ी का पूजन मुहूर्त
- लोहड़ी पूजा के लिए आज 14 जनवरी शाम 5 बजकर 34 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 12 मिनट तक रहेगा
- आज रवि योग भी बनने जा रहा है जिसका समय सुबह 10 बजकर 22 मिनट से लेकर 15 जनवरी यानी कल सुबह 7 बजकर 15 मिनट तक रहेगा
इस पर्व का खास महत्व होता है। इस दौरान अच्छे मुहुर्त में किसी साफ-सुथरे खुले स्थान पर लकड़ी और सूखे उपलों का ढेर लगाकर आग जलाएं।
अर्ध्य देने के बाद उसमें रेवड़ी, सूखे मेवे, मूंगफली, गजक किया जाता है। इस दौरान सात पवित्र अग्नि परिक्रमा करना होता है। परिक्रमा करते दौरान इसमें रेवड़ी, मूंगफली, तिल आदि अर्पित करते जाएं। इसके बाद बड़ों का आर्शीवाद लिया जाता है।
क्यों मनाया जाता है लोहड़ी
लोहड़ी फसल और मौसम से जुड़ा त्योहार होता है। इस मौसम में पंजाब का खेत लहलहाने लगता है और किसान काफी खुश हो जाते हैं। रबी की फसल कटकर आती है। ऐसे में नई फसल की खुशी और अगली बुवाई की तैयारी से पहले इस त्योहार को धूमधाम मनाया जाता है। लोग इस दिन फसल की पूजा भी करते हैं। सर्द मौसम में लोहड़ी पड़ती है। इस वजह से आग जलाने का चलन है और इस आग में ?तिल, मूंगफली, मक्का आदि से बनी चीजों को अर्पित किया जाता।