न्यूज डेस्क
कैप्टन कूल आज अपना 38वां जन्मदिन मना रहे है। उन्होंने अपनी कप्तानी में भारत को 2007 में टी-20 विश्व कप, 2011 में वनडे विश्व कप और 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब जिताने में सफल रहे है। इसलिए उन्हें अभी तक भारतीय टीम का सबसे सफल कप्तान माना जाता है। धोनी अभी इंग्लैंड में चल रहे वर्ल्ड कप में खेल रहे है। इसकी समाप्ति पर क्रिस गेल समेत कई दिग्गजों ने संन्यास का ऐलान कर दिया।
ऐसे में अगर इंडिया टीम वर्ल्ड कप जीतती है तो दुनिया का यह बेस्ट मैच फिनिशर भी अपने सन्यास लेने की अटकलों पर विराम लगा सकता है। इस खास मौके पर आईसीसी ने भी अपने ट्वीटर एकाउंट पर एक विडियो जारी कर धोनी को बधाई दी साथ ही कहा है कि धोनी एक ऐसा चेहरा है जिसने भारतीय क्रिकेट का चेहरा बदल दिया।
🔹 A name that changed the face of Indian cricket
🔹 A name inspiring millions across the globe
🔹 A name with an undeniable legacyMS Dhoni – not just a name! #CWC19 | #TeamIndia pic.twitter.com/cDbBk5ZHkN
— ICC (@ICC) July 6, 2019
बता दें कि भारतीय टीम ने 1983 में जब लॉर्ड्स के मैदान पर कपिल देव की कप्तानी में पहली बार विश्व कप की ट्राफी उठाई थी। उसके बाद से इंडियन क्रिकेट एक नई दिशा मिली। हालाँकि उसके बाद कई ऐसे महान खिलाडी आए जो एक बेहतर कप्तान बनकर उभरे लेकिन भारतीय टीम में सफलताएं उस वक़्त शिखर पर पहुंची जब रांची से आए एक लड़के ने टीम की कमान संभाली।
उस लड़के ने भारतीय क्रिकेट को उन ऊंचाइंयों तक पहुंचा दिया कि दोबारा पीछे मुड़कर देखने की जरूरत नहीं पड़ी। आज वो 38 साल के हो गए हैं और उसक नाम है महेंद्र सिंह धोनी।
महेंद्र सिंह धोनी का जन्म सात जुलाई, 1981 को रांची में पान सिंह के घर हुआ था। बचपन से ही धोनी खेल के मैदान की ओर आकर्षित रहते थे। उनके परिवार में माता-पिता के अलावा उनकी बहन जयंती और भाई नरेंद्र भी हैं। आइये जानते है उनसे जुडी कुछ खास बातों को-
स्कूल की टीम में गोलकीपर
कैप्टन कूल का पहला प्यार फुटबॉल रहा है। वे अपने स्कूल की टीम में गोलकीपर थे। फुटबॉल से उनका प्रेम रह रहकर जाहिर होता रहा है। इसके अलावा धोनी को बैडमिंटन भी खूब पसंद है।
भारतीय रेल में की टीटीई की नौकरी
क्रिकेट का रंग उन पर चढ़ चुका था और वो चर्चा में भी आ चुके थे लेकिन समय उनकी परीक्षा ले रहा था। इस दौरान 2001 से 2003 के बीच वो भारतीय रेल में टीटीई की नौकरी करते नजर आए। दोस्तों के मुताबिक वो ईमानदारी से नौकरी करते थे और कई बार खाली समय में खड़गपुर रेलवे स्टेशन पर मस्ती करने से भी नहीं चूकते थे।
पांच से छह साल में पूरा किया सफ़र
एक तरफ जहाँ लोग भारतीय टीम में खेलने के लिए पूरा जीवन लगा देते है। वहीँ ,धोनी में प्रतिभा कुछ अलग ही थी। जूनियर क्रिकेट से बिहार क्रिकेट टीम, झारखंड क्रिकेट टीम से इंडिया ए टीम तक और वहां से भारतीय टीम तक का उनका सफर महज 5-6 साल में पूरा हो गया। उन्होंने 1998 में जूनियर क्रिकेट की शुरुआत की थी और दिसंबर 2004 में उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ वनडे मैच के जरिए अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का शुरुआत की थी।
पाकिस्तान के खिलाफ खेली पहली सतकीय पारी
बांग्लादेश के खिलाफ अपनी पहली सीरीज में धोनी कुछ खास नहीं सके। लेकिन अगली ही सीरीज में उन्होंने पाकिस्तान के खिलाफ विशाखापट्टनम में खेले जा रहे वनडे मैच में 123 गेंदों पर 148 रनों की पारी खेलकर इस खिलाड़ी ने सबकी जुबां पर एक सवाल छोड़ दिया, ‘वो लंबे बालों वाला लड़का, धोनी कौन है?’
महंगी कारों और बाइकों के है शौक़ीन
महेंद्र सिंह धोनी मोटरबाइक्स के दीवाने हैं। उनके पास दो दर्जन लेटेस्ट मोटर बाइक मौजूद हैं। इसके अलावा उनके पास हमर जैसी कई महंगी कारें हैं। साथ ही धोनी को मोटर रेसिंग का भी शौक रखते है। उन्होंने मोटररेसिंग में माही रेसिंग टीम के नाम से एक टीम भी खरीदी हुई है।
देहरादून की साक्षी रावत से की शादी
करियर के शुरूआती दिनों में महेंद्र सिंह धोनी का नाम कई अभिनेत्रियों से जुड़ा रहा। लेकिन उन्होंने चार जुलाई 2010 को देहरादून की साक्षी रावत से शादी की। धोनी और साक्षी की एक बेटी भी है जिसका नाम जीवा है।
आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफी पर कब्जा करने वाले इकलौते कप्तान
महेंद्र सिंह धोनी इकलौते ऐसे कप्तान हैं, जिन्होंने आईसीसी की तीनों बड़ी ट्रॉफी पर कब्जा जमाया है। धोनी की कप्तानी में भारत आईसीसी की वर्ल्ड टी-20 (2007), क्रिकेट वर्ल्ड कप (2011) और आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी (2013) का खिताब जीत चुका है।
टेस्ट क्रिकेट से की सन्यास लेने की घोषणा
दिसंबर 2014 में धोनी ने टेस्ट क्रिकेट से अचानक संन्यास की घोषणा कर दी। विदेश में अचानक संन्यास लिया, ऐसे में विराट कोहली को तुरंत कप्तानी सौंप दी गई। चयन काफी आसान था इसलिए टेस्ट क्रिकेट में बिना किसी बहस कप्तान की ताजपोशी हो चुकी थी। एमएस धोनी दुनिया भर में सबसे ज़्यादा कमाई करने वाले क्रिकेटर रहे हैं। टेस्ट से संन्यास लेने से पहले उनकी औसत आमदनी 150 से 190 करोड़ रुपये सालाना थी, जिसमें अभी भी बहुत ज्यादा की कमी नहीं हुई है।