जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. किसानों की लगातार अनदेखी और उनके साथ किये जा रहे उपेक्षापूर्ण व्यवहार को लेकर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी की सरकार पर बड़ा हमला बोला है. उन्होंने कहा है कि मौजूदा समय में देश और प्रदेश में सबसे बड़ा मुद्दा किसान आन्दोलन है लेकिन बीजेपी बुनियादी मुद्दों से भटकाने वाली राजनीति में माहिर है. देश के अन्नदाता का इतना बड़ा अपमान इससे पहले कभी देश में नहीं हुआ.
अखिलेश यादव ने कहा है कि बीजेपी सरकार ने झूठे दावों और वादों के साथ किसानों के साथ धोखा किया है. ऐसी ही धोखाधड़ी और धांधली उत्तर प्रदेश के पंचायती राज के चुनाव में करके भाजपा ने अपने अलोकतांत्रिक आचरण का परिचय भी दे दिया है.
उन्होंने कहा कि पिछले सात महीनों से दिल्ली के चारों तरफ खुले आसमान के नीचे आंदोलित है लेकिन भाजपा को उनकी पीड़ा और दुःख नज़र ही नहीं आ रहा है. संवेदना शून्य हो गई है सरकार. इतने किसानों की आन्दोलन करते हुए जानें चली गईं लेकिन भाजपा सरकार ने उन्हें मौन श्रद्धांजलि देना तक मुनासिब नहीं समझा.
अखिलेश यादव ने कहा है कि किसान कोई गैर वाजिब मांग थोड़े ही कर रहा है. वह सिर्फ अपनी मेहनत से उगाई फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी चाहता है. किसान चाहता है कि उसके ऊपर जबरन थोपे गए तीन कृषि क़ानून वापस ले लिए जाएं, लेकिन भाजपा सरकार के सामने दिक्कत यह है कि वह अपने संरक्षकों और बड़े व्यापारिक घरानों के दबाव में है. किसानों का कहना है कि इन नये कृषि कानूनों से वह अपने ही खेत में मजदूर बन जायेगा. उसका अपनी खेती पर स्वामित्व खत्म हो जायेगा.
उन्होंने कहा कि जो सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का वादा करती थी वह फसल का ड्योढ़ा मूल्य देने तक को तैयार नहीं है. किसानों को धान के 1888 रूपए और गेहूं के 1975 रुपये कुंतल की एमएसपी तक नहीं मिल रही है. सरकारी क्रय केन्द्रों में खरीद नहीं हुई. गन्ना किसानों का बकाया भुगतान नहीं हुआ. प्राकृतिक आपदा ग्रस्त किसानों को मुआवजा नहीं दिया गया.
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सपा सुप्रीमो का आरोप है कि बीजेपी सरकार लोकतंत्र और जनादेश की उपेक्षा का अपराध कर रही है. उसने लोकलाज त्याग दी है. किसानों के हितों से खिलवाड़ का खामियाजा यह होगा कि इसका असर देश की अर्थव्यवस्था पर होगा. पंचायत चुनाव ने बीजेपी को संकेत दे दिया है कि वह 2022 में सत्ता की देहरी तक भी नहीं पहुँच पायेगी.