जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के डिंडोरी जिले में फर्जीवाड़ा करने वालों ने अपनी सारी हदें पार करते हुए भगवान राधा-कृष्ण की करोड़ों की सम्पत्ति पर कब्ज़ा जमाने के लिए खुद को भगवान का पिता बता दिया. इस जालसाज़ ने भगवान राधा-कृष्ण के पिता की जगह पर दिगंबर नाम दर्ज करा दिया और करोड़ों की सम्पत्ति को चार हिस्सों में बांट दिया. इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ तो मध्य प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों के पैरों तले ज़मीन खिसक गई. अब जालसाजी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई शुरू हो गई है.
मिली जानकारी के अनुसार डिंडोरी के आवंतीबाई किला परिसर में भगवान राधा-कृष्ण का मन्दिर है. इस मन्दिर के पास 30 एकड़ ज़मीन है. यह ज़मीन 1964 के भू राजस्व में बाकायदा दर्ज थी. जालसाजों की नज़र इस बेशकीमती ज़मीन पर पड़ी तो इसे हड़पने के लिए बाकायदा साज़िश रची गई. सरकारी कागज़ात से श्री राधा-कृष्ण का नाम गायब करवा दिया गया. इन सरकारी कागज़ात में भगवान को इंसान के रूप में दर्ज कर दिया गया और इनके पिता की जगह पर दिगंबर सखाकार दर्ज करवा दिया गया. दिगंबर सखाकार का नाम दर्ज होने के बाद इस ज़मीन को चार हिस्सों में बांट दिया गया.
इस फर्जीवाड़े को इस तरीके से अंजाम दिया गया कि किसी को कानोंकान खबर नहीं हुई. सरकारी अभिलेखों में यह फर्जीवाड़ा वर्ष 2018-2019 में किया गया था. इत्तफाकन वीरांगना आवन्तीबाई के ढह रहे रामगढ़ किले को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किये जाने की रूपरेखा बनाई जा रही थी तो अधिकारियों ने भू राजस्व रिकार्ड को चेक किया. कागज़ात की जांच में भगवान राधा-कृष्ण को इंसान के रूप में दर्ज देखकर जिलाधिकारी के होश उड़ गए. उन्होंने फ़ौरन इस मामले की जांच एसडीएम को सौंप दी.
एसडीएम ने जांच कर फर्जीवाड़ा पाया और जिलाधिकारी को अपनी जांच रिपोर्ट सौंपी. इस जांच में पाया गया कि मंदिर की ज़मीन हथियाने के लिए ही यह पूरा फर्जीवाड़ा किया गया है. जिलाधिकारी ने ,मन्दिर के कागज़ात ठीक करने और फर्जीवाड़ा करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के आदेश दिए हैं.
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