जुबिली स्पेशल डेस्क
पिछले दिनों निदेशक कोषागार पंकज शर्मा ने एक बड़ा कारनामा करते हुए सेवा नियमावली के विपरीत जाकर लोकसेवा आयोग द्वारा चयनित वित्त एवं लेख समूह-ख- के कुल 39 कोषाधिकारी/वित्त अधिकारियों को शासन के अधिकारों को धता बताते हुए विभागों में अनियमित रूप से नियुक्ति दे दी थी जिस पर वित्त सेवायें अनुभाग -2 में विशेष सचिव प्रकाश बिंदु ने 31 मई को पंकज शर्मा, निदेशक कोषागार से जवाब तलब करते हुए स्पष्टीकरण भी मांगा था।
यह भी पढ़ें : प्रशिक्षणार्थी वित्त अधिकारियों की नियुक्ति में निदेशक कोषागार का बड़ा कारनामा
सूत्रों के अनुसार इस मामले पर मुख्य मंत्री के प्रमुख सचिव ने भी दो दिन पहले जवाब तलब किया है। लेकिन अब जानकारी निकल के आ रही है शासन में बैठे वित्त सचिव और विशेष सचिव इस मामले पर लीपा पोती में लग गये हैं।
सूत्रों के अनुसार प्रमुख सचिव,मुख्य मंत्री के पत्र को दबाकर आज आनफानन में कार्यालय खुलते ही इन अनियमित नियुक्तियों को कार्योत्तर स्वीकृति देने के लिये वित्त मंत्री के सामने फाइल भेजी गयी है।
सूत्र बता रहे इतने बड़े कारनामे पर कारवाई करने की जगह वित्त विभाग के अधिकारी अब इस अनियमित कार्य को वैध कराने में लग गये हैं।
इसके लिये बड़े लेन देन की भी संभावना जताई जा रही है। और मंत्री के सामने अनुमति के लिये पत्रावली भेजी है। देखना है कि इमानदार कहे जाने वाले वित्त मंत्री अनुमति देते हैं या फिर बहती गंगा में वह भी हाथ धो लेते हैं।