जुबिली न्यूज डेस्क
गुजरात के मेहसाणा में एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां पर टारगेट पूरा करने के लिए अविवाहित युवाओं की नसबंदी कर दी गई। युवाओं को नसबंदी के बारे में कुछ बताया भी नहीं गया। उन्हें शराब का लालच देकर अस्पताल ले जाया गया और नसबंदी करके वापस छोड़ दिया गया। मामला सामने आने के बाद हड़कंप मच गया है।
मिली जानकारी के मुताबिक मेहसाणा जिले के नवी शेढवी गांव के 30 वर्षीय कुंवारे गोविंद दंतानी ने बताया कि उनके पास एक मल्टिपर्पस हेल्थ वर्कर आया। उस समय वह खेतों में काम कर रहे थे। स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने गोविंद को खेत के काम की आड़ में लालच दिया।
गोविंद ने बताया कि मेरी अग्निपरीक्षा तब शुरू हुई जब मुझे अमरूद और नीबू के पेड़ों से फल तोड़ने का लालच दिया गया। अगले दिन, मुझे एक सरकारी वाहन में एक गांव ले जाया गया और शराब पीने के लिए मजबूर किया गया। बाद में जोरानाग गांव में एक अमरूद स्थल पर जाने के बहाने मुझे सौ रुपये की शराब दी गई। जिसने मुझे बेहोश कर दिया।
गोविंद ने कहा कि उस हालत में, मुझे अस्पताल ले जाया गया। जब मैं अगले दिन घर लौटा, तो मैंने पेशाब करते समय गंभीर दर्द महसूस किया और बिना मेरी जानकारी या सहमति के ऑपरेशन या नस काटने के संकेत देखे। गुजरात में 24 नवंबर से 4 दिसंबर तक परिवार नियोजन पखवाड़ा चला। इस दौरान टारगेट पूरा करने के लिए युवाओं की नसबंदी की गई।
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एक सूत्र ने दावा किया कि मेहसाणा जिले में 175 नसबंदी का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन अब तक केवल 28 नसबंदी ही हुईं। रिपोर्टों से पता चलता है कि स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी वैकल्पिक उपाय कर रहे होंगे क्योंकि लक्ष्य को पूरा करना चुनौतीपूर्ण प्रतीत होता है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. महेश कपाड़िया ने कहा, ‘सरकारी दिशानिर्देशों का पालन करते हुए गुजरात में एनएसवी नसबंदी शिविर राज्य भर में चलाए जा रहे हैं।’