जुबिली न्यूज डेस्क
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के पहले तृणमूल कांग्रेस में भगदड़ मची हुई थी। चुनाव बाद ऐसा ही नजारा भाजपा में दिख रहा है।
विधानसभा चुनाव में टीएमसी की जोरदार जीत के बाद भाजपा के पत्ते बिखर रहे हैं। कभी नेता, तो कभी बड़ी संख्या में कार्यकर्ता दल बदल कर रहे हैं।
पिछले दिनों तो टीएमसी में शामिल होने के लिए भाजपा कार्यकर्ता धरने पर बैठे थे। इन नेताओं के इसरार पर जब उन्हें टीएमसी में शामिल किया गया तो सबसे पहले गंगाजल छिड़क कर उनका शुद्धिकरण किया गया।
यह भी पढ़ें : चीन में कब हुआ था पहला कोरोना संक्रमण? जानिए इस रिसर्च रिपोर्ट में
यह भी पढ़ें : दो बच्चों की नीति पर जल्द कानून बनाएगा असम
यह भी पढ़ें : खुलासा : दिल्ली सरकार ने जरूरत से 4 गुना अधिक ऑक्सीजन की रखी थी डिमांड
अब यह मामला एक कदम और आगे बढ़ गया है। अब तो सिर भी मुंडवाना पड़ रहा है। जी हां, तृणमूल कांग्रेस में आने वाले नेताओं को पार्टी सदस्यता दिलाए जाने से पहले एक किस्म के शुद्धिकरण का सामना करना पड़ा है। फिर चाहे वह गंगाजल के जरिए हो, सिर मुंडवाना पड़ा हो या फिर सैनिटाइजर का छिड़काव हो।
ताजा मामला बीरभूम जिले से जुड़ा है। गुरुवार को बीजेपी के करीब 150 कार्यकर्ताओं पर टीएमसी के स्थानीय नेताओं द्वारा सेनेटाइजर का छिड़काव किए जाने के बाद उन्हें तृणमूल में शामिल किया गया।
TMC में शामिल होने से पहले 150 BJP कार्यकर्ताओं को सैनेटाइजर से किया गया ‘साफ’ #WestBengal #MamataBanerjee pic.twitter.com/74VREeAB0O
— News24 (@news24tvchannel) June 24, 2021
टीएमसी के प्रखंड स्तर के सदस्य दुलाल राय ने बताया कि इलामबाजार में एक मंच बनाया गया था, जहां भगवा पार्टी के कार्यकर्ताओं पर सेनेटाइजर का छिड़काव किया गया, फिर उसके बाद स्थानीय नेताओं ने उन्हें तृणमूल का झंडा थमाया।
राय ने आगे कहा, ”भाजपा के लिए जो कार्य कर रहे थे, वे वायरस से संक्रमित हो गये थे…उन्हें वापस लेने से पहले हमें यह सुनिश्चित करना पड़ा कि वे संक्रमणरहित हो जाएं क्योंकि हमारा लक्ष्य वायरस से मुक्ति पाना है।”
यह भी पढ़ें : …तो अब दिल्ली भाजपा में भी सब ठीक नहीं है?
यह भी पढ़ें : टोक्यो ओलंपिक की तैयारी में नहीं छोड़ी कोई कसर
यह भी पढ़ें : जलवायु परिवर्तन ने बदला भारतीय मानसून का मिजाज़
उधर, बीजेपी के जिला अध्यक्ष धु्रुव साहा ने दावा किया कि भाजपा कार्यकर्ताओं को टीएमसी में शामिल करने के लिए उनके साथ जोर जबर्दस्ती की गयी।
उन्होंने कहा, कोई भी अपनी मर्जी से बीजेपी से तृणमूल में नहीं गया है। चुनाव बाद हिंसा के आरोपों से बचने के प्रयास के तहत तृणमूल नेता ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं और बीजेपी कार्यकर्ताओं को तृणमूल में शामिल होने के लिए मजबूर कर रहे हैं।
यह भी पढ़ें : मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अनिल देशमुख के आवास पर ED की रेड
यह भी पढ़ें : लॉकडाउन का सबसे ज्यादा फायदा कोलकाता को मिला जानिए कैसे
मालूम हो दो दिन पहले हुगली जिले में टीएमसी में शामिल होने से पहले 200 बीजेपी कार्यकर्ताओं को विधानसभाचुनाव से पहले भगवा दल में चले जाने के पाप से मुक्ति के लिए सिर मुड़वाना पड़ा था। इससे पहले, 19 जून को बीरभूम में दीदी की पार्टी का हिस्सा बनने वाले कार्यकर्ताओं पर गंगाजल का छिड़काव किया गया था।