जुबिली स्पेशल डेस्क
भोपाल। क्लासरूम में जेंडर सेंसिटाइजेशन पर चर्चा समय की जरूरत है। अब समय आ गया है कि जेंडर इश्यू पर क्लासरूम्स में चर्चा हो ताकि विपरीत जेंडर के प्रति हम और संवेदनशील बन सकें।
महिलाओं में जज्बा बहुत है और वे हर क्षेत्र में बढ़चढ़कर काम कर रही हैं। यह समाज की जिम्मेदारी है कि वह महिलाओं के भीतर सुरक्षा और संरक्षा की भावना सुनिश्चत करे।
यह बात माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. के.जी. सुरेश ने पीआईबी, एमसीयू और वुमेंस प्रेस क्लब, भोपाल द्वारा संयुक्त रूप से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के संदर्भ में ‘पत्रकारिता और संचार के क्षेत्र में महिलाओं की उपस्थिति और अवसर’ विषय पर गुरुवार को विश्वविद्यालय के ऑडिटोरियम में आयोजित विशेष संगोष्ठी में कही। उन्होंने कहा कि संघर्ष समस्या नहीं बल्कि चुनौती है और पत्रकारिता के छात्राओ को सफल महिला पत्रकारों से प्रेरणा लेने की जरूरत है।
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वरिष्ठ पत्रकार रूबी सरकार ने ग्रामीण पत्रकारिता के अपने अनुभवों को साझा किया। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में ज्यादातर अवार्ड ग्रामीण पत्रकारिता के लिए ही मिलते हैं।
अभी भी गांवों में आपको काफी सारी स्टोरीज मिल जाएंगी जिनको मेनस्ट्रीम में लाना जरूरी है। उन्होंने गांवो में हो रहे महिला सशक्तिकरण के प्रयासों की चर्चा की।
संगोष्ठी को संबोधित करते हुए पीआईबी, भोपाल के अपर महानिदेशक श्री प्रशांत पाठराबे ने कहा कि मुंबई और दिल्ली की तुलना में भोपाल में पत्रकारिता के क्षेत्र में महिलाओं की उपस्थिति बहुत कम है।
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इसे बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में महिलाओं का अधिक संख्या में होना महिलाओं के लिए ही नहीं बल्कि जर्नलिज्म की बेहतरी के लिए बहुत आवश्यक है।
माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय की फैकल्टी डॉ. उर्वशी परमार ने कहा कि सफल होने के लिए संवाद और संवेदना जरूरी है। उन्होंने कहा कि हालांकि अभी भी महिलाओं के लिए स्थितियां उतनी अच्छी नहीं है, पर बदलाव तो हो रहा है।
संगोष्ठी में विषय प्रवर्तन पीआईबी, भोपाल के निदेशक अखिल नामदेव ने किया और आभार ज्ञापन एमसीयू के कुलसचिव प्रो. अविनाश वाजपेयी ने किया।
संगोष्ठी में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता एवं संचार विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, छात्र-छात्रा, पीआईबी, भोपाल के अधिकारी और कर्मचारियों समेत बहुत सारे लोग शामिल हुए।