जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि भारत सरकार आस्ट्रेलिया के साथ अगले महीने दूध खरीदने को लेकर करार करने जा रही है. सरकार की योजना है कि आस्ट्रेलिया से दूध खरीदकर उसे देश में 20 से 22 रुपये किलो बेचा जाये.
राकेश टिकैत ने यमुनानगर में आयोजित विजय दिवस महापंचायत में कहा कि किसान सम्बन्धी किसी भी मुद्दे पर नीति बनाने से पहले अगर सरकार ने किसानों से बात नहीं की तो कोई भी कृषि क़ानून नहीं बनाने दिया जायेगा.
राकेश टिकैत ने कहा कि यह सरकार तानाशाहों की तरह से काम कर रही है. बैंकिंग सेक्टर को निजी सेक्टर में लाकर देश के किसानों पर ज्यादा से ज्यादा कर्ज़ चढ़ाना चाहती है. राकेश टिकैत ने कहा कि जब आन्दोलन चल रहा था तो देश के लोग कह रहे थे कि मोदी आन्दोलन को खत्म कर देंगे लेकिन किसानों ने साबित किया कि बड़े से बड़े तानाशाह को भी झुकना पड़ता है और माफी मांगनी पड़ती है.
राकेश टिकैत ने महापंचायत में कहा कि मौजूदा केन्द्र सरकार पूंजीपतियों की सरकार है. यह हिन्दु-मुस्लिम को लड़ाने की पालिसी बनाती है. इसके एजेंडे में गरीब, मजदूर, महंगाई, बेरोजगारी और स्वास्थ्य जैसे मुद्दे हैं ही नहीं. उन्होंने किसानों को आगाह किया कि वह अपनी ज़मीनों को अपने पास रखें. बैंकों से कर्जा लेने से बचें क्योंकि सरकार भारतीय स्टेट बैंक अडानी को देना चाहती है. अडानी के पास बैंक जाते ही किसान न अपना कर्ज़ चुका पाएगा और न ही अपनी ज़मीन छुडा पाएगा.
टिकैत ने कहा कि देश के हालात बहुत खराब हैं. किसान और आदिवासियों की हालत सबसे ज्यादा खराब है. उडीसा के किसानों का ज़िक्र करते हुए टिकैत ने बताया कि वहां के अधिकाँश किसानों ने ज़िन्दगी में कभी भुवनेश्वर नहीं देखा. उन्हें एमएसपी के बारे में कोई जानकारी नहीं. उन्हें बस यही पता है कि उनका धान 800 रुपये क्विंटल बिकता है. उन्होंने कहा कि हमने दिल्ली के आन्दोलन से 13 महीने की ट्रेनिंग हासिल कर ली है. किसान आन्दोलन दिल्ली के चारों तरफ 200 किलोमीटर में फैल चुका है. आने वाले दिनों में देश भर के किसानों की लड़ाई लड़ी जायेगी.
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