जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
नई दिल्ली. किसानों ने एमएसपी और अन्य किसान समस्याओं पर सरकार से बातचीत के लिए पांच सदस्यीय कमेटी का सुझाव मान लिया है. अब यह कमेटी सरकार से बातचीत करेगी. सिन्धु बार्डर पर हुई किसानों की बैठक में किसानों की कमेटी गठित हो गई है. इस कमेटी में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत शामिल नहीं हैं.
केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा बनाये गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली बार्डर पर साल भर से किसानों का आन्दोलन चल रहा है. इस आन्दोलन के नतीजे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कृषि कानूनों को रद्द करने का एलान किया. संसद के सत्र में यह कानून निरस्त भी हो गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कृषि क़ानून को रद्द करने पर अपनी मोहर भी लगा दी लेकिन किसानों ने एमएसपी और अन्य मांगों के पूरा हुए बगैर घर न लौटने की बात कह दी है.
एमएसपी और अन्य किसान मुद्दों पर बातचीत के लिए केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किसानों की पांच सदस्यीय टीम को न्योता भेजा. सिन्धु बार्डर पर शनिवार की शाम हुई बैठक में पांच सदस्यीय कमेटी गठित हो गई है. इस कमेटी में बलबीर सिंह राजेवाल, शिव कुमार कक्का, गुरनाम सिंह चढूनी, युद्धवीर सिंह और अशोक धवले को शामिल किया गया है. संयुक्त किसान मोर्चा ने इस कमेटी को सरकार से बातचीत के लिए अधिकृत कर दिया है.
किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा है कि किसानों का आन्दोलन तब तक खत्म नहीं होगा जब तक कि किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस नहीं होंगे. शनिवार को हुई बैठक में लखीमपुर काण्ड पर भी विस्तार से चर्चा हुई. एमएसपी के मुद्दे पर किसान एकमत हैं.
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