न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। शॉर्ट वीडियो एप्प Tik-Tok ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए अपनी एप्प से सभी तरह के हिंसक वीडियो हटाने का फैसला किया है। टिकटॉक ने भारत में बड़ा फैसला लिया है।
बाइटडांस की स्वामित्व वाली कंपनी टिकटॉक ने बुधवार को कहा कि वह अपने मंच से उन सामग्रियों को हटाएगी जिनमें धार्मिक, राष्ट्रीयता आदि आधार पर किसी व्यक्ति या समूह के प्रति हिंसा प्रदर्शित हो। कंपनी ने कहा कि वह 13 साल से कम उम्र वाले लोगों के खाते भी हटाएगी।
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कंपनी ने कहा ‘हम चाहते हैं कि उपयोक्ता टिकटॉक के दिशानिर्देश समझें। उन्हें यह भी समझ आये कि हम कब और क्यों सामग्रियों के प्रकाशित होने के बारे में रुकावटें लगाते हैं।’ कंपनी ने कहा कि उपयोक्ताओं को इसके बारे में सूचना मिलने लगेगी।
चाइनीज कंपनियों को लेकर अमेरिका में हमेशा से बवाल रहा है। पिछले साल जासूसी का आरोप लगाकर हुवावे पर अमेरिका में प्रतिबंध लगा दिया गया था, हालांकि कुछ महीने बाद उसे हटा भी लिया गया। इस दौरान हुवावे ने अपना ऑपरेटिंग सिस्टम तैयार किया।
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वहीं अब अमेरिकी सेना के शॉर्ट वीडियो एप टिक टॉक (Tik-Tok) एप्प के इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई है। इसके लिए पीछे राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला दिया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक टिक टॉक एप्प से साइबर अटैक का खतरा है और इसके जरिए देश की जनता और सेना का जासूसी हो सकती है।
अमेरिका सेना के टिक टॉक इस्तेमाल पर बैन को लेकर अमेरिकी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट कर्नल रॉबिन ओचोआ ने कहा कि सेना के टिकटॉक एप्प इस्तेमाल पर पाबंदी लगा दी गई है। यह प्रतिबंध शुरुआती तौर पर नेवी और रक्षा विभाग दोनों पर लगाया गया है।
नौसेना ने कुछ दिन पहले ही कहा था कि सैन्यकर्मी टिक टॉक एप का इस्तेमाल ना करें। साथ ही नौसेना की ओर से जारी आदेश में कहा गया था कि किसी भी एप्प को डाउनलोड करने से पहले उसके विवरण को ध्यान से पढ़ें और सावधान रहें। वहीं रक्षा विभाग ने भी अपने आदेश में कहा है कि सैन्यकर्मी टिक टॉक एप्प अपने फोन या टैबलेट से तुरंत डिलीट करें।
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