Tuesday - 29 October 2024 - 3:49 AM

हेट स्पीच को लेकर टिक टॉक की बड़ी कार्रवाई, हटाया 3,80,000 वीडियो

जुबिली न्यूज डेस्क

भारत में फेसबुक की विश्वसनीयता पर उठ रहे सवालों के बीच वीडियो शेयरिंग एप टिक टॉक ने हेट स्पीच नीति का उल्लंघन करने को लेकर बड़ी कार्रवाई की है।

टिक टॉक ने अमेरिका में अपने प्लेटफार्म से जहां 3,80,000 वीडियो डिलीट किए हैं तो वहीं ऐप ने 64,000 टिप्पणियां और 1,300 अकाउंट भी हटा दिया है। ऐप ने जो आपत्तिजनक सामग्री हटाया है उसमें नस्लीय उत्पीडऩ, गुलामी और होलोकॉस्ट जैसी हिंसक त्रासदियां शामिल थीं।

टिक टॉक ने इसे भड़काऊ भाषण वाली नीति का उल्लंघन मानते हुए अपने प्लेटफॉर्म से हटाया है।

ये भी पढ़े : कोरोना से बेहाल पाकिस्तान में क्या है बेरोजगारी का हाल

ये भी पढ़े : महामना पर थमा विवाद, कुलपति ने कहा- उनके आदर्शों…

ये भी पढ़े : प्रशांत भूषण केस में पूर्व केंद्रीय मंत्री ने क्या कहा?

सोशल मीडिया ऐप टिक टॉक ने कहा है कि उसने इसी उल्लंघन के तहत ही 64,000 कमेंट्स डिलीट किए और 1,300 अकाउंट हटाए हैं। टिक टॉक का स्वामित्व चीन की बाइटडांस के पास है।

भारत में कुछ दिनों पहले ही टिक टॉक समेत कई चीनी ऐप्स को सुरक्षा का हवाला देते हुए बैन कर दिया गया था। भारत के युवाओं में टिक-टॉक काफी लोकप्रिय था। टिक टॉक के सबसे ज्यादा यूजर भारत में ही थे।

टिक टॉक अमेरिका के सुरक्षा प्रमुख एरिक हान ने एक ब्लॉग पोस्ट में लिखा है, “हमारा लक्ष्य टिक टॉक पर नफरत को खत्म करना है। यह संख्या भड़काऊ पोस्ट या नफरत से भरे व्यवहार को पकडऩे में सौ फीसदी सफलता दर को नहीं दर्शाती है लेकिन कार्रवाई के लिए हमारी प्रतिबद्धता का संकेत देती है।”

चीनी ऐप का कहना है कि उसने ऐसी सामग्री पर कार्रवाई की है जिसमें नस्लीय आधारित उत्पीडऩ, “हिंसक त्रासदियों” जैसे कि होलोकॉस्ट और गुलामी प्रथा से इनकार किया गया था।

युवाओं के बीच लोकप्रिय है टिक टॉक

अमेरिका में युवाओं के बीच यह ऐप काफी लोकप्रिय है। इस पर लोग छोटे-छोटे वीडियो साझा करते हैं। हालांकि बीते कुछ सप्ताह में यह राष्ट्रपति ट्रंप की नजरों पर चढ़ा हुआ है। ट्रंप ने टिक टॉक के खिलाफ कार्यकारी आदेश जारी कर समय सीमा दे दी है और बाइटडांस को अमेरिका में कारोबार बेचने के लिए कहा है।

ये भी पढ़े : पर्यावरण मसौदे के खिलाफ पूर्वोत्तर में क्यों हो रहा है विरोध?

ये भी पढ़े : सुशांत केस : बांद्रा पुलिस से सीबीआई ने लिया सुबूत

ये भी पढ़े : ‘युग दृष्टा और 21वीं सदी के महानायक थे राजीव गांधी’

राष्ट्रपति ट्रंप का कहना है कि यह अमेरिका की “राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश नीति और अर्थव्यवस्था के लिए खतरा है।”

टिक टॉक पर यह भी आरोप है कि वह यूजर डाटा चीनी सरकार को देता है लेकिन इन आरोपों से वह इनकार करता आया है।

हाल ही में कंपनी ने एक बयान में कहा था, “टिक टॉक ने कभी अमेरिकी यूजर डाटा को चीनी सरकार को नहीं दिया है और ना ही मांगने पर वह ऐसा करेगी। ”

चीन और अमेरिका के बीच बढ़ते तनाव के बीच ट्रंप टिक टॉक पर अमेरिकी अधिकारियों की ट्रैकिंग और कॉरपोरेट जासूसी के भी आरोप लगा चुके हैं। चीनी मैसेजिंग ऐप वीचैट पर प्रतिबंध का आदेश भी अमेरिका जारी कर चुका है।

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com