नई दिल्ली. उज्जैन में एक परिवार पर कोरोना ने ऐसा हमला बोला कि 14 दिन में तीन पीढ़ियां खत्म हो गईं. हँसते-खेलते परिवार का गवाह रहे घर के बाहर अब सिर्फ गार्ड तैनात है.
इस परिवार में ऐसी विपदा आई कि शहर में कोहराम मच गया. उज्जैन के आदर्श विक्रमनगर में रहने वाले जैन परिवार को देखते ही देखते कोरोना पूरी तरह से लील गया. पहले दादा, फिर माँ, फिर पिता और अंत में खुद उसकी भी मौत हो गई.
बताया जाता है कि तीन अप्रैल को संतोष कुमार जैन के पिता की देवास में मौत हो गई थी. पिता के अंतिम संस्कार में शामिल होकर लौटे संतोष कुमार जैन की पत्नी मंजुला जैन को आठ अप्रैल को बुखार आया. तबियत बिगड़ी तो उन्हें अस्पताल ले जाया गया. 10 अप्रैल को मंजुला ने दम तोड़ दिया.
पत्नी मंजुला अक अंतिम संस्कार करने के बाद संतोष कुमार जैन खुद बीमार हो गए. बीमार होते ही संतोष जैन ने अपनी और अपनी 26 साल की बेटी आयुषी की कोरोना जांच कराई. जांच में दोनों पॉजिटिव निकले. दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया. 16 अप्रैल को संतोष जैन और 19 अप्रैल को आयुषी जैन ने भी दम तोड़ दिया. परिवार में कोई सदस्य न होने की वजह से उज्जैन प्रशासन ने बाप-बेटी का अंतिम संस्कार किया और घर के बाहर गार्ड तैनात कर दिया.
संतोष जैन की एक बेटी शादी के बाद से नीदरलैंड में रहती हैं. प्रशासन ने इस बड़े हादसे की जानकारी उनकी बेटी को दे दी है. फिलहाल खाली घर के बाहर गार्ड तैनात है और मरने वालों के नाम पर कोई दिया जलाने वाला भी नहीं है.