जुबिली न्यूज़ ब्यूरो
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में तीन जजों को भ्रष्टाचार का दोषी पाए जाने के बाद उनकी बर्खास्तगी की संस्तुती की गई है. राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का दस्तखत होने के साथ ही तीनों सेवा से बाहर हो जायेंगे. इन भ्रष्ट जजों को बर्खास्त किये जाने की संस्तुति इलाहाबाद हाईकोर्ट ने की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दो अपर जिला जज और एक स्पेशल जज को भ्रष्टाचार का आरोपित पाया है.
जानकारी मिली है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट को उत्तर प्रदेश के पांच जजों के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायतें मिली थीं. शिकायतें मिलने के बाद हाईकोर्ट ने जांच की तो दो जजों के खिलाफ पुख्ता सबूत नहीं मिलने की वजह से उन्हें बरी कर दिया गया लेकिन तीन पर भ्रष्टाचार के आरोप साबित हो गए. आरोप साबित होने के बाद हाईकोर्ट ने इन तीनों जजों की बर्खास्तगी के लिए राज्यपाल से संस्तुति कर दी.
बदायूं में अपर जिला जज रहे अशोक कुमार सिंह, बलिया में अपर जिला जज रहे हिमांशु भटनागर और सिद्धार्थनगर में स्पेशल जज रहे डॉ. राकेश कुमार जैन पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद इन्हें हाईकोर्ट ने 11 जुलाई 2015 को सस्पेंड कर दिया था. करीब सात साल चली जाँच में इन्हें दोषी पाया गया और इन्हें बर्खास्त किये जाने की संस्तुति कर दी गई.
28 मार्च 2001 को अतिरिक्त सिविल जज जूनियर डिवीज़न के रूप में गाजीपुर से अशोक कुमार सिंह ने अपना न्यायिक सफ़र शुरू किया था. चार जुलाई 2015 को वह बदायूँ के अपर जिला जज के रूप में प्रमोट हुए और सिर्फ एक हफ्ते बाद 11 जुलाई 2015 को भ्रष्टाचार के इल्जाम में सस्पेंड कर दिए गए. हिमांशु भटनागर 19 मार्च 1996 को अतिरिक्त सिविल जज जूनियर डिवीज़न के रूप में बलिया में नियुक्त किये गए थे. वह 16 अप्रैल 2021 को बलिया में ही एडीजे बन गए. डॉ. राकेश कुमार जैन 11 अगस्त 1999 को न्यायिक सेवा में आये. वह सिद्धार्थनगर में विशेष न्यायाधीश (अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति निवारण अधिनियम) बनाये गए.इन तीनों न्यायिक अधिकारियों पर लगाये गए भ्रष्टाचार के आरोप सही पाए गए. हाईकोर्ट ने अपनी संस्तुति कर दी है. गेंद राज्यपाल के पाले में है. यह किसी भी वक्त बर्खास्त किएर जा सकते हैं.