जुबिली न्यूज़ डेस्क
लखनऊ. आगरा के राजकीय बाल गृह में 48 घंटे के भीतर तीन बच्चो की मौत की खबर सार्वजनिक हो जाने के बाद आगरा से लखनऊ तक हड़कम्प मचा हुआ है. बाल गृह प्रबंधन इस बड़ी घटना को एक हफ्ते से दबाये हुए था.
जानकारी मिली है कि राजकीय बाल गृह में 24 व 25 अक्टूबर को तीन बच्चो की मौत हुई थी. बाल गृह में बीमार होने के बाद चार महीने की बच्ची सुनीता की 24 अक्टूबर को तबियत खराब हुई थी. उसे गंभीर हालत में अस्पताल ले जाते वक्त रास्ते में ही मौत हो गई. तीन महीने की प्रभा और दो महीने की अवनी की अगले 24 घंटे में मौत हो गई.
सबसे हैरानी की बात बीमार बच्चो को अस्पताल ले जाने की टाइमिंग की है. पहली बच्ची की मौत अस्पताल के रास्ते में हो गई. दूसरी बच्ची ने अस्पताल पहुँचने के 24 घंटे के बाद और तीसरी बच्ची ने सिर्फ चार घंटे के बाद ही दम तोड़ दिया.
सिर्फ 48 घंटे में तीन मासूम बच्चो की मौत के बावजूद बाल गृह प्रशासन मामले को एक हफ्ते तक छुपाये रहा. एक सामाजिक संस्था ने इस मामले को डीएम आगरा के संज्ञान में डाला तो पूरा प्रशासनिक अमला हरकत में आ गया. डीएम ने तत्काल सीडीओ को मामले की जांच सौंप दी.
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इस सम्बन्ध में राजकीय बाल गृह के प्रभारी अधीक्षक विकास कुमार ने बताया कि तीनों बच्चे प्री मेच्योर पैदा हुए थे. वह बहुत कमज़ोर थे. अचानक ठंड होने से बच्चो की हालत बिगड़ गई. उन्हें बचाने का हर संभव उपाय किया गया. ज़रूरत पड़ने पर अस्पताल भी भेजा गया लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका.
बहरहाल तीन बच्चो की मौत गंभीर मामला है. हड़कम्प की स्थिति है. सीडीओ की जांच के बाद ही स्थितियां स्पष्ट हो पाएंगी.