Wednesday - 13 November 2024 - 1:08 PM

पश्चिम बंगाल: हिंसा के हवनकुंड में चार की मौत

न्यूज डेस्क

पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव से शुरू हुई तृणमूल कांग्रेस और बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच तकरार थमने का नाम नहीं ले रही है। यहां बासिरहाट शहर के संदेशखाली में शनिवार देर पार्टियों के झंडे हटाने को लेकर दोनों पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच हिंसा भड़क उठी। इसमें बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं की मौत हो गयी जबकि टीएमसी के एक कार्यकर्ता मारे जाने की खबर है। बताया जा रहा है कि जिस इलाके में यह घटना हुई वो भारत और बांग्लादेश सीमा के पास है।

घटना के बाद से दोनों पार्टियां के कार्यकर्ता एक-दूसरे को मौत का जिम्मेदार बता रही हैं। मारे गए बीजेपी कार्यकर्ताओं के नाम तपन मोंडल, सुकंता मोंडल और प्रदीप मोंडल है जबकि टीएमसी कार्यकर्ता का नाम कयूम मोल्ला बताया जा रहा है।

वहीं, बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या के रिपोर्ट्स पर पार्टी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने बताया कि केंद्रीय गृहमंत्री ने राज्य सरकार से इस मामले में रिपोर्ट मांगी है। बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि केंद्र इस मामले को गंभीरता से लेगा। लोगों के अंदर इस मामले को लेकर काफी गुस्सा है।

एक दूसरे पर आरोप लगते हुए बीजेपी ने कहा कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने शेख शजाहन और उनके गैंप के बनाए गए बम और बंदूकों से बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला किया। वहीं, ममता बनर्जी कैबिनेट में मंत्री ज्योतिप्रियो मौलिक ने कहा, ‘जब क्यूम पार्टी की बैठक में शामिल होने जा रहे थे, जब उन्हें बंधक बना लिया गया। जब उन्होंने खुद को छुड़ा लिया तो गोली मार दी गई। इसके अलावा उन्होंने बीजेपी पर जिले की शांति भंग करने का आरोप लगाया। साथ ही क्यूम मोल्ला की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के गुंडों ने उन्हें मार डाला। वहीं, बीजेपी नेता मुकुल रॉय ने ट्वीट कर दावा किया कि टीएमसी कार्यकर्ताओं ने तीन बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या कर दी।

बता दें कि शनिवार को साउथ दिनाजपुर जिले के बुनियादपुर और गंगारामपुर में बीजेपी कार्यकर्ता प्रदेश पार्टी अध्यक्ष और मिदनापुर से सांसद दिलीप घोष की अगुआई में विजय जुलूस निकाल रहे थे। तभी प्रशासन ने विजय जुलूसों को रोकने की कोशिश की। इसके बाद बवाल शुरू हो गया, जिसमें सब-इंस्पेक्टर रिभू भट्टाचार्य के सिर में चोट आई और दो नागरिक घायल हो गए। घटनास्थल पर बवाल बढ़ता देख घोष को बीजेपी कार्यकर्ता सुरक्षित स्थान पर ले गए। वहीं पुलिस ने भीड़ पर काबू पाने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े।

पुलिस ने कड़ी मसक्कत के बाद दोपहर दो बजे काबू पाया। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विजय जुलूसों पर प्रतिबंध लगा हुआ था और कई इलाकों में धारा 144 भी लागू है। इसके बावजूद बीजेपी ने विजय जुलूस निकाला। छह मई को ममता बनर्जी ने यह कहकर जुलूस पर बैन लगाया था कि ये अशांति फैलाने के लिए आयोजित किए जाते हैं।

 

Radio_Prabhat
English

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com