जुबिली न्यूज़ डेस्क
तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के नेता साद रिजवी को पाकिस्तानी पुलिस ने बीते दिन लाहौर में हिरासत में ले लिया गया। ऐसा करना पाकिस्तानी पुलिस को महंगा पड़ गया। दरअसल उनकी गिरफ़्तारी के बाद इस्लामवादी निन्दा विरोधी पार्टी के हजारों कार्यकर्त्ता सड़क पड़ उतर आये।
साथ ही फ्रांसीसी राजदूत को पाकिस्तान से बाहर निकालने की मांग को लेकर प्रदर्शन करने लगे। इसके बाद पुलिस ने लोगों को शांत कराने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े और पानी की बौछार की।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में पिछले कई महीनों से फ्रांस के विरोध में भावनाएं उबाल ले रही हैं। ऐसा फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रोन की सरकार द्वारा पैगंबर मोहम्मद के चित्र वाले कार्टून को फिर से प्रकाशित करने के अधिकार के लिए समर्थन करने के बाद हुआ। इस कार्टून की कई मुस्लिमों द्वारा कड़ी निंदा की गई है।
इस मामले में पार्टी के अधिकारियों ने बताया कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के नेता साद रिजवी को सोमवार को लाहौर में हिरासत में लिया गया। उनकी गिरफ्तारी की पुष्टि पुलिस ने की, लेकिन इस बात की कोई जानकारी नहीं दी कि किस आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया। रिजवी फायरब्रांड मौलवी के बेटे हैं, और टीएलपी के पिछले प्रमुख, खादिम हुसैन रिज़वी हैं, जिनकी नवंबर में मृत्यु हो गई थी।
खबर है कि फ्रांसीसी राजदूत को निष्कासित करने की मांग के लिए यहां के लोग 20 अप्रैल को राजधानी इस्लामाबाद में एक मार्च आयोजित करने की योजना बना रहे थे ।
इसके बाद लाहौर में सड़कों और चौराहों को अवरुद्ध करने वाले हजारों प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस और पानी की बौछार का इस्तेमाल किया। बता दें कि पिछले साल, टीएलपी समर्थकों ने फ्रांस विरोधी रैलियों की एक श्रृंखला के साथ तीन दिनों के लिए राजधानी को बंद कर दिया था ।
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इस मामले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में , टीएलपी के उप प्रमुख सैयद जहीर-उल-हसन शाह ने कहा कि रिजवी की गिरफ्तारी का मतलब है कि सरकार ने फ्रांसीसी राजनयिक को निष्कासित करने के एक समझौते का उल्लंघन किया था।