जुबिली न्यूज़ डेस्क
नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि हम रुपये की स्थिरता बनाये रखेंगे। दास ने एकोनॉमिक कॉनक्लवे में अपनी बात रखते हुए कहा कि मजबूत पूंजी आधार के साथ बैंक क्षेत्र की वित्तीय सेहत, नैतिक मानदंडों के साथ संचालन व्यवस्था बनाये रखना हमारी प्राथमिकता है।
साथ ही उन्होंने कहा कि हम सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निजीकरण को लेकर सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं, प्रक्रिया को आगे बढ़ाया जाएगा।
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गवर्नर ने चर्चा के दौरान कहा कि पिछले साल लोगों को प्रत्यक्ष लाभ अंतरण उपब्ध कराने के लिये 274 करोड़ डिजिटल लेने-देन हुए हैं। आरबीआई वित्तीय स्थिरता संबंधी चिंताओं का आकलन कर रहा है, क्योंकि यह आगे केंद्रीय बैंक की डिजिटल मुद्रा के लिये महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि आर्थिक गतिविधियों का पुनरुद्धार निर्बाध रूप से जारी रहना चाहिए, वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आरबीआई के 10.5 प्रतिशत वृद्धि अनुमानों को घटाने की जरूरत नहीं लगती।
शक्तिकांत दास ने आगे कहा कि देश में कोविड-19 संक्रमण के बढ़ते मामले में चिंता की बात है, लेकिन इससे निपटने के लिये इस बार हमारे पास अतिरिक्त उपाय है।
साथ ही उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी का जिक्र करते हुए कहा कि इसे लेकर अपनी चिंताओं से सरकार को अवगत कराया है, इस पर विचार किया जा रहा है, सरकार इस पर निर्णय करेगी। उन्होंने साफ किया कि क्रिप्टोकरेंसी पर आरबीआई और सरकार की राय में कोई अंतर है।
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