जुबिली स्पेशल डेस्क
नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से हिंडनबर्ग-अडानी मामला लगातार सुर्खियों में है। इतना ही नहीं कांग्रेस पार्टी लगातार मोदी सरकार को घेर रही है। संसद में इसको लेकर हंगामा देखने को मिल रहा है।
अब मामला सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा है। दरअसल इस पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट में जांच के अनुरोध संबंधी दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई सोमवार को शुरू हुई।
इसके साथ ही अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच को लेकर केंद्र सरकार भी कमेटी के गठन को तैयार हो गई है।
सुनवाई में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि सेबी और दूसरी नियामक संस्थाए इस तरह के हालातों से निपटने में पूरी तरह समर्थ हैं, पर कोर्ट अपनी ओर से कमेटी का गठन करता है तो सरकार को ऐतराज नहीं है। इसके बाद कोर्ट ने कहा कि बुधवार तक ये बताये कि इस कमेटी में कौन-कौन लोग शामिल किये जा सकते हैं। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च’ द्वारा अडानी समूह पर फर्जी लेन-देन और शेयर की कीमतों में हेरफेर सहित कई गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद शेयर बाजार में हलचल मच गई और समूह की कंपनियों के शेयर की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिली।
वहीं डानी समूह ने इस पूरे मामले पर सफाई दी और सभी आरोपों को खारिज किया है। इसके साथ ही ये भी कहा है कि वो सभी कानूनों और सूचना सार्वजनिक करने संबंधी नीतियों को पालन करता है।